Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

सोमवार, 20 सितंबर 2021

माटी की मूरत

सितंबर 20, 2021
गीली सी मिट्टी से भर के अपनी मुट्ठी  सोचा मैंने बनाऊँ माटी की मूरत ऐसी  डूबूँ जिसको ढ़ालते-बनाते मैं ऐसे कि  दिखे मुझे वह सपनों की दुनिया जैस...
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मंगलवार, 14 सितंबर 2021

महोत्सव है हिन्दी दिवस

सितंबर 14, 2021
     लो फिर आ गया एक पर्व की तरह हमारा हिन्दी का महोत्सव। हर वर्ष की भांति 14 सितम्बर को हिन्दी चेतना जागृत करने, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

गुरुवार, 2 सितंबर 2021

बहुत लोगों को डराकर रखने वाला भी बहुत लोगों से डरता है

सितंबर 02, 2021
बुरे संग प्रार्थना करने से भले लोगों संग मिलकर डाका डालना भला सुन्दर वस्त्र पहनकर नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला बेडौल लोहे को हथौड़...
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रविवार, 8 अगस्त 2021

हरियाली अमावस्या और वृक्षारोपण

अगस्त 08, 2021
  आज हरियाली अमावस्या है। हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहते हैं। इ...
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रविवार, 25 जुलाई 2021

भले लोग भेड़ जैसे जो किसी को हानि नहीं पहुँचाते हैं

जुलाई 25, 2021
बह चुके पानी से कभी चक्की नहीं चलाई जा सकती है लोहे से कई ज्यादा सोने की जंजीरें मजबूत होती है चांदी के एक तीर से पत्थर में भी छेद हो सकता ह...
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शुक्रवार, 21 मई 2021

कोरोना में घर-परिवार और हाॅस्पिटल का संसार

मई 21, 2021
कोरोना की मार झेलकर 10 दिन बाद हाॅस्पिटल से घर पहुंचा तो एक पल को ऐसे लगा जैसे मैंने दूसरी दुनिया में कदम रख लिए हों। गाड़ी से सारा सामान खुद...
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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है

अप्रैल 23, 2021
ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है  थोड़ी देर का सुख बहुत लम्बे समय का पश्चाताप होता है  एक बार कोई अवसर हाथ से निकला तो वाप...
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सोमवार, 29 मार्च 2021

अबकी बार होली में कोरोना ने है पकड़ा

मार्च 29, 2021
अबकी बार होली में  कोरोना ने है पकड़ा चुराकर सब रंग मेरे अपने रंग में है जकड़ा गले में ठूसी जा रही हैं रंग बिरंगी गोलियां मुंह बांधे उड़ी...
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रविवार, 21 मार्च 2021

मतलबी दुनिया में एक दिन सबका आता है

मार्च 21, 2021
 न लालच, गुस्सा न शिकायत  एक समभाव वाला जीव वह भारी मेहनत करने के बाद भी रूखा, सूखा खाकर खुश रहता है  दुनिया भर का अत्याचार सहता है  जुग-जुग...
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सोमवार, 8 मार्च 2021

अब आने वाला युग महिलाओं के नाम

मार्च 08, 2021
मुझे याद है जब हम बहुत छोटे थे तो हमारे घर- परिवार की तरह ही गांव से कई लोग रोजी-रोटी की खोज में शहर आकर धीरे-धीरे बसते चलते गए। शहर आकर किस...
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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

दो घरों की चिराग होती हैं बेटियाँ

फ़रवरी 20, 2021
चिरकाल से लड़कों को घर का चिराग माना जाता है, लेकिन मैं समझती हूँ कि यदि उन्हें घर का चिराग माना जाता है तो मेरे समझ से वे केवल एक घर के ही ह...
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शनिवार, 30 जनवरी 2021

सर्दी में सबको प्यारी लगती धूप

जनवरी 30, 2021
सर्दी में सबको प्यारी लगती  धूप           देखो बिल्ली मौसी क्या पसरी खूब!  धूप में छिपा है इसकी सेहत का राज          बड़े मजे में है मत जाना ...
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मंगलवार, 19 जनवरी 2021

जब शेर पिंजरे में बन्द हो तो कुत्ते भी उसे नीचा दिखाते हैं

जनवरी 19, 2021
जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है तभी वह बूढ़ा होने लगता है बुढ़ापा मनुष्य के चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं   जितनी उसके मन पर डाल देता है अनुभव से...
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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

बस हैप्पी न्यू ईयर बोल

दिसंबर 31, 2020
एक निश्चित दूरी है बहुत जरूरी देखो! उन कुकुरों को  जो जब तक एक-दूजे को देख गुर्रा-धमकाकर रास्ता नाप लेते हैं तक तक वे सुरक्षित रहते हैं लेकि...
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शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

संसार में इंसान अकेला ही आता और जाता है

नवंबर 27, 2020
  जाने कैसे मर-मर कर कुछ लोग जी लेते हैं  दुःख में भी खुश रहना सीख लिया करते हैं मैंने देखा है किसी को दुःख में भी मुस्कुराते हुए और किसी का...
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शनिवार, 7 नवंबर 2020

व्रतों और मौसम के बीच सन्तुलन

नवंबर 07, 2020
  सभी धर्मावलम्बी, किसी न किसी रूप में वर्ष में कभी न कभी उपवास अवश्य रखते हैं। इससे भले ही उनकी जीवनी-शक्ति का जागरण न होता होगा किन्तु धार...
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सोमवार, 19 अक्तूबर 2020

तिल-तिल जीने वाला हर दिन मरता है

अक्तूबर 19, 2020
शत्रु की मुस्कुराहट से मित्र की तनी हुई भौंहे अच्छी होती है मूर्ख के साथ लड़ाई करने से उसकी चापलूसी भली होती है किसी कानून से अधिक उसके उल्लं...
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रविवार, 20 सितंबर 2020

चलते रहते हैं हम सब अपनी राहों में

सितंबर 20, 2020
चलते रहते हैं हम सब अपनी राहों में जो जाते हैं हमारे लक्ष्य तक चलते-चलते हम गिरगें और उठेंगे पर नहीं छोड़ेंगे ये डगर तो चलते रहेंगे हम आगे बढ़...
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सोमवार, 14 सितंबर 2020

हिन्दी तथा प्रादेशिक भाषा भाषियों के विरुद्ध अंग्रेजी परस्तों की साजिश

सितंबर 14, 2020
हमारा देश जब अंग्रेजों की दासता से मुक्ति पाने जा रहा था, हमारे स्वतंत्रता सैनानियों/जन नेताओं ने एक संविधान सभा का गठन किया, ताकि एक संविधा...
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