जल बिन भर पिचकारी कैसे खेलें होली ........ - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 19 मार्च 2011

जल बिन भर पिचकारी कैसे खेलें होली ........

बच्चों की परीक्षा समाप्ति के दो दिन बाद ही परिणाम भी। और फिर होली के दूसरे दिन से ही नए सत्र का आरंभ, मतलब भागम-भागम नहीं तो और क्या! सोचा था दो चार दिन सुकून और फिर बच्चों के साथ होली का धमाल कर कुछ पल ख़ुशी के अपने नाम कर लिए जाएँगे, पर शायद आराम नाम की चिड़िया अब नजर ही नहीं आएगी। सबकुछ भुलाकर बच्चों की किताब-कापी, यूनिफ़ॉर्म के साथ-साथ बच्चों की होली पर विशेष फ़रमाइश। ब्लॉग पर कुछ रंगारंग प्रस्तुति की उधेड़बुन में भूली-बिसरी होली के रंगों में डूब हिचकोले खाने लगी हूँ. बहुत समझाईश के बाद भी जब ऑफिस से लौट बच्चों को मौसी के घर से वापस लेकर आती हूँ तो हर दिन रास्ते में बड़ी-बड़ी पिचकारी देख दुकान के पास ठिठक रूठकर रोना धोना शुरू कर देते हैं. समझाती हूँ कि देखो हमारा घर चौथी मंजिल पर है, जहाँ दो दिन बाद २०-२५ मिनट पानी आता है, जैसे कोई दमे से पीड़ित जान पहचान वाला बड़ी हिम्‍मत कर चौथे माले पर आकर बड़ी-बड़ी सिसकियाँ भर बेदम होकर फिर दुबारा आने न के लिए माफ़ी मांगने लगता है. ऐसे में हालत में भला पिचकारियाँ किस काम की, होली खेले तो कैसे खेलें? बिना पानी बच्चों को क्या बड़ों को भी होली खेलने का कहाँ मजा आता है! 
         वैसे तो पानी की यह समस्या निरंतर बनी है, पर होली के बहाने हम सभी मोहल्ले वालों ने भी मिलकर एक संगोष्ठी का आयोजन कर 'तिलक होली' खेलने का निर्णय लिया. इसमें बच्चों को भी विशेष रूप से शामिल किया गया था, क्योंकि बच्चों को समझाना अच्छे-अच्छों के बूते की बात नहीं होती है. संगोष्ठी में बच्चों का विद्रोही रूप तो सामने आया ही लेकिन शेष सभी बड़े-बुजुर्गों का एक मंतव्य था. शायद इस विषय पर आज सबको गहन मंथन की आवश्यकता है कि 'जल की एक-एक बूँद कीमती है, 'जल बचाओ' , जंगल बचाओ' , जल ही जीवन है' बिन पानी सब सून' - ये उक्तियाँ अब मात्र नारे नहीं बल्कि जीवन की आवश्यकता बन गई हैं. जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन से जल-आपूर्ति आज के युग की गंभीर समस्या बन गयी है. अब वातानुकूलित कमरों में बैठकर बैठक, सेमिनार में पानी की तरह पैसा बहाते हुए मिनरल वाटर और चाय-कॉफ़ी की चुस्कियों के साथ गंभीर मुद्रा में बड़ी-बड़ी बातें, घोषणाएं और वायदों करने वालों की खबर लेने के लिया सबको आगे आना ही होगा. बिना एकजुट होकर जागरूक न होने से इस समस्या से निजात नहीं मिल सकती है. हमें अब यह समझ लेना बहुत जरुरी है कि इस समस्या के लिए सिर्फ सरकार व उसके नुमाईंदे या कोई वर्ग विशेष ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि गाहे-बगाहे हम लोग भी तो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जाने-अनजाने जिम्मेदार हैं. तालाबों, कुओं का गहरीकरण, झील, बावड़ी व पोखरों के जल को प्रदूषण मुक्त कराने हेतु हम स्वयं कितने जागरूक हैं. यह बताने की बात नहीं! गाँव व शहर से सभी लोगों को जल के स्रोत में गंदें पानी, कागज़, पोलीथिन, सड़े-गले पौधे और कूड़े-कचरे का ढेर जमा करते देख हम कितना चेत पायें हैं यह आये दिन हमारे घरों में नल के माध्यम से आने वाले प्रदूषित जल, जो हमारे लिए अमृततुल्य है, आज प्रदूषित होकर मनुष्य तो क्या अपितु जीव-जंतुओं के लिए भी प्राणघातक बनता जा रहा है.
शायद यह समस्या आज भले ही विकराल न दिखती हो लेकिन घर में पानी की समस्या के चलते और भीषण गर्मी में लोगों को पानी के लिए लिए भटकते, लड़ने-मरने की खबर भर से रोंगटे खड़े होने लगे हैं . यह सोचकर तो और भी बुरा हाल हो रहा है कि कहीं समय रहते यदि जल संकट के प्रति हम सचेत और दृढ संकल्पित होकर आगे नहीं आये तो वैज्ञानिक आइन्स्टीन की कही बात सच होती नजर आती है। जिन्होंने कहा था की तीसरा महायुद्ध चाहे परमाणु अस्त्रों से लड़ लिया जाय पर चौथा महायुद्ध यदि होगा तो पत्थरों से लड़ा जायेगा। और इससे एक कदम आगे बढ़कर नास्त्रे [Michel de Nostredame] ने भविष्यवाणी की थी कि चौथा महायुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा ? यदि इस भविष्यवाणी को झुठलाना है तो होली के नाम पर व्‍यर्थ पानी बहाने की बजाय इसे गंभीरता से लेते हुए 'तिलक होली' खेलें और सबको इसके लिए प्रेरित करें.
अब हमें तो बच्चों ने सुझाया है कि पहले घर में बड़ों की तिलक होली हो जाय और फिर दिन में बड़े तालाब की सैर करते हुए वहीँ किनारे बड़ी-बड़ी पिचकारी भर भर हम बच्चों की होली भी हो जाय! अब आप बुरा न माने हमें तो अबकी बार बच्चों की इस जिद्द के आगे बेवस होकर बड़े ताल में होली खेलने जाना होगा! नहीं तो हमारी खैर नहीं! बाकी फिर कभी......
सभी ब्लोग्गर्स और सुधि पाठकों को होली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें.
-कविता रावत
      

57 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

होली पर पर्यावरण की चिंता भी ज़रूरी है।
हैप्पी होली!

kshama ने कहा…

और इससे एक कदम आगे बढ़कर नास्त्रे [Michel de Nostredame] ने भविष्यवाणी की थी कि चौथा महायुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा ? यदि इस भविष्यवाणी को झुठलाना है तो होली के नाम पर व्‍यर्थ पानी बहाने की बजाय इसे गंभीरता से लेते हुए 'तिलक होली' खेलें और सबको इसके लिए प्रेरित करें.
Bahut sahee kaha! Sookhe rangon se bhee holee kheli ja saktee hai.
Holee kee anek shubhkamnayen!

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर,पर्यावरण की चिंता भी ज़रूरी है।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

केवल राम ने कहा…

होली की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत चिंतनीय पोस्ट है आपकी

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पानी से होली न खेल हम चौथे महायुद्ध को आने से बचा तो रहे हैं पर तीसरे का क्या? कोई मतभेद भुलाने को तैयार ही नहीं।

OM KASHYAP ने कहा…

आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये

सदा ने कहा…

बहुत सही विचारणीय प्रस्‍तुति ...होली की शुभकामनाएं ।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

achchhi prastuti....happy holi kavita jee..:)

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

होली में पानी की सुरक्षा के साथ साथ होलिका जलाने के लिए लकड़ियों से होने वाली वन हानि, ग्रीन गैस उत्सर्जन, के बारे में भी विचार हो तो उत्तम है . होली की शुभकामनाएं .

Satish Saxena ने कहा…

होली पर शुभकामनायें स्वीकार करें कविता जी !!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सार्थक विचार ....रंग पर्व की मंगलकामनाएं

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

बहुत सही विचारणीय प्रस्‍तुति ...रंग पर्व की होली की शुभकामनाएं ।
abhaar........

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

होली के संदर्भ में पर्यावरण जैसे ज़रूरी विषय पर आपका लेखन सार्थक है....
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

sahi likha hai ... happy holi

Unknown ने कहा…

होली के संदर्भ में पर्यावरण जैसे ज़रूरी विषय पर आपका लेखन सार्थक है....
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !

tension point ने कहा…

पर्यावरण जैसे ज़रूरी विषय पर आपका लेखन सार्थक |
होली पर आप को परिवार के साथ शुभ कामनाएं ।
ये त्यौहार सबके जीवन में कमसेकम सौ बार आये ॥
..........

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

पानी बचाना ज़रूरी है ...तिलक होली ही बढ़िया है ...पर ज़रा बच्चों से पूछ लें ?

होली की शुभकामनायें

संजय भास्‍कर ने कहा…

सार्थक विचार
रंग पर्व की होली की शुभकामनाएं ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

शूरवीर रावत ने कहा…

होली के बहाने एक गंभीर चिंतन........... पानी के लिए सभी को सोचना होगा और घर पर ही नहीं बल्कि आस पास हो रहे दुरुपयोग को भी रोक सकें तो कुछ उम्मीद बन सकती है. ........... होली की अनेकानेक शुभकामनायें.

Shah Nawaz ने कहा…

कविता जी, आपको परिवार सहित होली की बहुत-बहुत मुबारकबाद... हार्दिक शुभकामनाएँ!

vedvyathit ने कहा…

aur kisi dhrm pr achchhaiyan yad nhi aatin kevl hindoon pr hi sb pabndiyan yad aati hai jb krodon bkre ktate hain to koi nhi bolta
holi mansik pryavrn ko shudh krti hai khoob holi khelo aur khelne do

Kailash Sharma ने कहा…

होली की हार्दिक शुभकामनायें !

Udan Tashtari ने कहा…

सार्थक चिन्तन...


आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत मुबारकबाद एवं शुभकामनाएँ.

सादर

समीर लाल

Kunwar Kusumesh ने कहा…

पर्यावरण की चिंता भी ज़रूरी है।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

Coral ने कहा…

मार्मिक पोस्ट .... पर्यावण कि चिंता बहुत जरुरी है|

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

Dr Xitija Singh ने कहा…

आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

आदरणीया कविता रावत जी
प्रणाम !
सादर सस्नेहाभिवादन !

विचारणीय आलेख है … आभार !

आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !


♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥

होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!


- राजेन्द्र स्वर्णकार

BrijmohanShrivastava ने कहा…

होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना

Apanatva ने कहा…

kavita ab mera swasth theek hai kaafee dhyan rakhana padaa samay se mail ka reply nahee de paaee usaka khed hai .baccho kee parikshae kaisee rahee ?
paanee kee ek ek boond amuly hai ........kaash ye sabke samjh aa jaae .

mahtvpoorn sandesh detee ye post bahut pasand aaee .
aasheesh

दिगम्बर नासवा ने कहा…

लगता कुछ ऐसा ही है ... अगला महयुध पानी के लिए ही होगा ...
आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....

ZEAL ने कहा…

जल संरक्षण का महत्त्व बताती बेहतरीन प्रस्तुति ...होली मुबारक

M VERMA ने कहा…

पर्यावरणीय सन्देश देता हुआ सार्थक आलेख

Dorothy ने कहा…

नेह और अपनेपन के
इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.

आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.

bilaspur property market ने कहा…

फागुन की मस्ती
होली की हार्दिक शुभकामनायें
manish jaiswal
Bilaspur
chhattisgarh

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

पानी बचाना जरूरी तो है, दुरुपयोग तो रुकना ही चाहिये और यह दुरुपयोग सिर्फ़ होली पर नहीं और भी बहुत तरीकों से होता है। अगली पोस्ट में जानते हैं आपसे कि कौन सी होली ज्यादा अच्छी रही - तिलक होली या बड़े ताल वाली:))

होली की शुभकामनाओं के लिये आपका धन्यवाद, आप सबके लिये भी शुभकामनायें।

Bharat Bhushan ने कहा…

पर्यावरण की चिंता के साथ-साथ होली को मज़े से खेलना भी ज़रूरी है. होली की शुभकामनाएँ.

ज्योति सिंह ने कहा…

aapki post bahut laabkaari hai ,holi parv ki badhai aapko .

Sunil Kumar ने कहा…

पर्यावरण की चिंता भी ज़रूरी है। होली की शुभकामनाएँ.

रचना दीक्षित ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत मुबारकबाद एवं शुभकामनाएँ

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

रंग-पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

प्रेरक लेख ....."रहिमन पानी रखिये बिन पानी सब सून "

होली की हार्दिक बधाई स्वीकारें ...

pratibha ने कहा…

Sarthak sandesh deti gahan chintan yogya aalekh ke liye aabhar
होली की हार्दिक बधाई स्वीकारें ...

Kavita Prasad ने कहा…

सुन्दर उत्सव पर सुन्दर विचार, इस साकारात्मक सोच और सन्देश के लिए शुक्रिया कविताजी!

जल का संरक्षण हमें होली और बाकी हर त्यौहार पर तो करना ही चाहिए, साथ ही साथ हर दिन को भी त्यौहार मान कर बिताना चाहिए :] एक पंथ दो काज हो जायेंगे, जल-संरक्षण और जीवन-संरक्षण!

आभार...

vijay ने कहा…

होली के बहाने पर्यावरण का सार्थक सन्देश . साथ ही पानी के समस्या के प्रति जारुकता भरी प्रस्तुति .. समय रहते चेत जाना ही सबके हित में है. ...होली के सुभकामना ....धन्यवाद ,,,
सादर

Dolly ने कहा…

Paane bachega to kal hoga.. ab to yahi sabko karna hoga... badi samsya banti jaa rahi hai... sundar dhang se aapne chetaya hai sabko.. aabhar

Surya ने कहा…

होली के बहाने बहुत सही विचारणीय प्रस्‍तुति ...रंग पर्व होली की शुभकामनाएं ।
आभार...

बेनामी ने कहा…

जल तो है तो कल है,.... आज यह सबसे बड़ी त्रासदी बनती जा रही है ..गर्मियों में हरदिन पानी के लिए मारकाट की घटनाओं को देख/सुनकर मन बहुत दुखी हो उठता है, सभी लोग यदि समय रहते चेत जाएँ तो बाद की इन घटनाओं से बचा जा सकता है..
बहुत जागरूकता भरी पोस्ट .... होली पर बहुत अच्छा सन्देश . होली के शुभकामना सहित आभार

shailendra ने कहा…

'जल की एक-एक बूँद कीमती है, 'जल बचाओ' , जंगल बचाओ' , जल ही जीवन है' बिन पानी सब सून' - ये उक्तियाँ अब मात्र नारे नहीं बल्कि जीवन की आवश्यकता बन गई हैं. जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन से जल-आपूर्ति आज के युग की गंभीर समस्या बन गयी है. अब वातानुकूलित कमरों में बैठकर बैठक, सेमिनार में पानी की तरह पैसा बहाते हुए मिनरल वाटर और चाय-कॉफ़ी की चुस्कियों के साथ गंभीर मुद्रा में बड़ी-बड़ी बातें, घोषणाएं और वायदों करने वालों की खबर लेने के लिया सबको आगे आना ही होगा. बिना एकजुट होकर जागरूक न होने से इस समस्या से निजात नहीं मिल सकती है. हमें अब यह समझ लेना बहुत जरुरी है कि इस समस्या के लिए सिर्फ सरकार व उसके नुमाईंदे या कोई वर्ग विशेष ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि गाहे-बगाहे हम लोग भी तो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जाने-अनजाने जिम्मेदार हैं.
..एकदम सही लिखा है आपने ...एकजुट होकर पानी बचाने की मुहिम के लिए उठ खड़े होने की जरुरत है ..... पिछले वर्ष तो भोपाल में ताल के लिए पत्रिका का जलाभिषेक अभियान बहुत सार्थक पहल लगी थी लेकिन इस वर्ष जब पानी तालाब से धीरे-धीरे सूखता जा रहा है उसकी अभी तक कोई हलचल नहीं दिख रही है. पानी के लिए बहुत सी बस्तियों में लोगों का खून खराबा देखकर भी सरकार और लोग जागरूक नहीं हो पा रहे है यह देखत स्थिति है.....
आपकी यह पोस्ट काश जो लोग लापरवाही से पानी बहाते हैं वे पढ़कर कर चेत पाते तो कितना अच्छा होता.. ..........आपका होली के बहाने सार्थक प्रस्तुति के लिए

Unknown ने कहा…

और इससे एक कदम आगे बढ़कर नास्त्रे [Michel de Nostredame] ने भविष्यवाणी की थी कि चौथा महायुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा ? यदि इस भविष्यवाणी को झुठलाना है तो होली के नाम पर व्‍यर्थ पानी बहाने की बजाय इसे गंभीरता से लेते हुए 'तिलक होली' खेलें और सबको इसके लिए प्रेरित करें.
..........sukhte jalshroton kee sthithi vikat hai jo bhavisya mein yahi sach hota dikhta hai..
bahut achhi jaankari ke liye aabhar

amrendra "amar" ने कहा…

होली पर शुभकामनायें स्वीकार करें कविता जी !

Unknown ने कहा…

Kavita ji aapka blog padhkar laga ki blog kee duniya mein bahut kuch achha-achha likha jaa raha hai, aur yah kisi newspaper se kisi bhi maine mein kam nahi. desh videsh tak khabron ka silsila yun hi chalta yah dekh bahut khushi hoti hai, behtreen blogger's mein se mujhe aapka blog bhi behtreen laga. isi tarah aap nirantar likhti rahen taaki blog kee sarthakta bani rahi. bahut se blog padhne ke baad aapke blog par aakar laga ki aapka blog sarthak udeshya se paripurn hai....
aapka sarthak lekhan ke liye dhanyavad. sadar.

Amrita Tanmay ने कहा…

Vimarsh yogy mudda...sarthak post..shubhakamnaye..

बेनामी ने कहा…

BHUT ACHA LIKHA H KVITA JI......WE PROUD OF U.....GOOD ONE.....TOTTLY AGREE WITH U....

बेनामी ने कहा…

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