नवंबर 2015 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

सोमवार, 30 नवंबर 2015

शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह होती है

नवंबर 20, 2015 19
हरेक पैर में एक ही जूता नहीं पहनाया जा सकता है। हरेक  पैर  के  लिए  अपना  ही जूता ठीक रहता है।। सभी लकड़ी तीर बनाने के लिए उपयुक्...
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मंगलवार, 10 नवंबर 2015

शनिवार, 7 नवंबर 2015