2018 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

चल पड़ी है गाड़ी आजकल उनके प्यार की

नवंबर 30, 2018
आज वैवाहिक जीवन की 23वीं वर्षगांठ पर पहले पहल प्यार में  गुजरे प्रेम पातियों  में  से निकली एक पाती प्रस्तुत है-   चल पड़ी है गाड़ी आजकल उ...
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सोमवार, 26 नवंबर 2018

उखड़े हुए पेड़ पर हर कोई कुल्हाड़ी मारता है

नवंबर 26, 2018
मक्खन की हंड़िया सिर पर रखकर धूप में नहीं चलना चाहिए बारूद के ढ़ेर पर बैठकर आग का खेल नहीं खेलना चाहिए छोटा से पैबंद न लगाने पर बहुत बड़ा छ...
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शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

यौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है

नवंबर 16, 2018
लम्बी उम्र सब चाहते हैं पर बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता है यौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है छोटी उम्र या कोरे कागज...
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बुधवार, 7 नवंबर 2018

सोमवार, 5 नवंबर 2018

दीपावली का आरोग्य चिन्तन

नवंबर 05, 2018
दीपावली जन-मन की प्रसन्नता, हर्षोल्लास एवं श्री-सम्पन्नता की कामना के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक की अमावस्या की काली रात्...
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शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2018

रावण ने सीताहरण को मुक्ति का मार्ग बनाया

अक्तूबर 19, 2018
मुझे बचपन से ही रामलीला देखने का बड़ा शौक रहा है। आज भी आस-पास जहाँ भी रामलीला का मंचन होता है तो उसे देखने जरूर पहुंचती हूँ। बचपन में तो...
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गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

नवरात्र के व्रत और बदलते मौसम के बीच सन्तुलन

अक्तूबर 11, 2018
जब प्रकृति हरी-भरी चुनरी ओढ़े द्वार खड़ी हो, वृक्षों, लताओं, वल्लरियों, पुष्पों एवं मंजरियों की आभा दीप्त हो रही हो, शीतल मंद सुगन्धित...
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मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

क्यों परीक्षा पड़ती सब पर भारी!

सितंबर 20, 2018
आज आया है शिवा का जन्मदिन पर नहीं है कोई मनाने की तैयारी मेज पर केक बदले पसरी किताबें क्यों परीक्षा पड़ती सब पर भारी! अनमना बैठा है उ...
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शनिवार, 1 सितंबर 2018

भरे पेट भुखमरी के दर्द को कौन समझता है

सितंबर 01, 2018
पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है पर अपने दिल क...
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शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

मंगलवार, 14 अगस्त 2018

फायदे अक्सर आदमी को गुलाम बना देते हैं

अगस्त 14, 2018
सोने की बेड़ियां हों तो भी उसे कौन चाहता है? स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है बंदी  राजा  बनने से आजाद पंछी बनना भला जेल के मे...
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सोमवार, 16 जुलाई 2018

स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली

जुलाई 16, 2018
स्वामिनारायण अक्षरधाम! भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के ज्योतिर्धर के रूप में अवतरित भगवान स्वामिनारायण का शाश्वत निवास-धाम है। दिल्ली के...
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गुरुवार, 5 जुलाई 2018

मौत नहीं पर कुछ तो अपने वश में होता ही है

जुलाई 05, 2018
जरा इन मासूम बच्चों को अपनी संवेदनशील नजरों से देखिए, जिसमें 14 वर्ष की सपना और उसकी 11 वर्ष की बहिन साक्षी और 11 वर्ष के भैया जिन्हें अभ...
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गुरुवार, 7 जून 2018

दशरथ मांझी की राह चला एक और मांझी

जून 07, 2018
माउंटेन मैन ‘दशरथ मांझी’ की तरह अपनी दयनीय स्थिति के बावजूद दृढ़ इच्छा शक्ति रखने वाला एक और मांझी जो कि मध्यप्रदेश के जिला होशंगाबाद का न...
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