दशरथ मांझी की राह चला एक और मांझी - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 7 जून 2018

दशरथ मांझी की राह चला एक और मांझी


माउंटेन मैन ‘दशरथ मांझी’ की तरह अपनी दयनीय स्थिति के बावजूद दृढ़ इच्छा शक्ति रखने वाला एक और मांझी जो कि मध्यप्रदेश के जिला होशंगाबाद का निवासी है, जो एक पिछड़े इलाके सोहागपुर जैसे एक छोटे से स्कूल का हिंदी माध्यम का औसत दर्जे के छात्र रहा है, बावजूद इसके जिसने भोपाल आकर 8 वर्ष की कठोर साधना के बाद वर्ष 2016 में MBBS की प्रवेश परीक्षा NEET पास करके भोपाल स्थित चिरायु मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल में दाखिला लेकर ही दम लिया है। यहाँ एक बात स्पष्ट है कि जहां बहुत से छात्र दो-तीन बार असफल होने पर आगे उसकी तैयारी छोड़कर दूसरी राह चल पड़ते हैं वहीं मांझी की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि उसने अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति और विकट परिस्थितियों के बाद भी कई बार असफल रहने के बाद हार नहीं मानी, मैदान नहीं छोड़ा, डटा रहा और कभी निराश नहीं हुआ। वह निरन्तर मेरिट में आने के लिए सरकारी काॅलेज मिलने की आस लगाये कठोर परिश्रम करता रहा, ताकि वह सरकारी काॅलेज में दाखिला लेकर सरकारी अनुदान से अपनी एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूर्ण कर सके। लेकिन इस दौरान मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया तो नए नियमों के तहत जब उसने देखा कि अब वह आगे प्रवेश परीक्षा के लिए पात्र नहीं होगा तो फिर अन्य कोई विकल्प न होने से उसे प्रायवेट काॅलेज में प्रवेश लेना पड़ा। जहाँ उसे इस बात का मलाल जरूर है कि यदि वह आरक्षित श्रेणी का होता तो निश्चित ही अब तक वह अपनी एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई पूर्ण कर चुका होता और उसे अपनी फीस भरने के लिए इधर-उधर मारा-मारा नहीं भटकना पड़ता।
      मांझी के पिताजी फलों का हाथ ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं, इसके बाद भी बेहद तंगहाली में उन्होंने धुन के पक्के अपने बेटे की दृढ़ इच्छा शक्ति और कठोर परिश्रम को पढ़ लिया तभी तो उन्होंने अपना जो कुछ थोड़ा बहुत था, उसे बेचकर और रिश्तेदारों से कर्जा लेकर प्रायवेट मेडिकल काॅलेज में प्रवेश दिलाने की हिम्मत दिखाई। वे पढ़े-लिखे भले ही नहीं है, लेकिन इस बात को अच्छे से समझ गए हैं कि जब उनके बेटे ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की है तो निश्चित ही वह आगे भी कठोर परिश्रम कर अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयाब रहेगा। वे अपने बेटे की लगन देखकर समझ गए हैं कि कठिन परिश्रम के लिए आदमी में जो सहनशीलता, साहस, निर्भीकता आदि गुण होने आवश्यक है, वे उसमें विद्यमान हैं। क्योंकि कठोर परिश्रम करने की प्रवृत्ति प्रत्येक व्यक्ति में नहीं होती, लेकिन अपनी धुन के पक्के व्यक्ति कठिन परिश्रम करके जैसे-तैसे एक दिन अपनी मंजिल पाकर ही दम लेते हैं।
     एक ओर जहाँ धर्मेंद्र मांझी को MBBS प्रथम वर्ष की परीक्षा पास करके पहली सीढ़ी पार करने की अपार प्रसन्नता हुई तो वहीँ दूसरी ओर जब फीस भरने की चिंता हुई तो उसने अपने कॉलेज के सहपाठियों, डॉक्टरों एवं जान पहचान निकाल कर घर-घर जाकर पैसा इकट्ठा किया और पूरी फीस भरकर ही दम लिया। उसे आगे की फीस भरने की चिंता आज भी है, जिससे उसकी पढाई बाधित हो रही है। वह आज भी पढाई के साथ-साथ ही व्यर्थ ही बड़े-बड़े एनजीओ, क्लब, एसोसिएशन और शासन-प्रशासन के चक्कर काटने में लगा है, बावजूद इसके वह एक-दूसरे से पहचान निकल कर घर-घर व्यक्तिगत संपर्क कर एक-एक पैसा इकट्ठा करने में जुटा है। 
      मांझी कठोर संघर्ष में जीने वाला जीव है, इसलिए उसे पूरी उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जो गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा की बड़ी-बड़ी बातें और घोषणा की हैं, वह केवल कोरी मुंहजुबानी और कागजों तक सीमित नहीं रहेगी। उसे पूरी उम्मीद है कि एक दिन कोई न कोई  उसकी पुकार सुनने वाला जरूर मिलेगा।    
 मांझी के लिए इस समय १-१ रुपये की बहुत बड़ी कीमत है, आपके द्वारा दी जाने वाली एक छोटी से छोटी धनराशि भी उसे उसकी मंजिल के करीब लाएगी और उसका सपना पूरा होगा, इसके हेतु कृपया अपना आर्थिक योगदान उसके निम्न बैंक खाते, Paytm अथवा वर्तमान निवास के माध्यम से प्रदान करने की कृपा करें:-
नाम-  धर्मेन्द्र कुमार मांझी    
Mobile Number :  9340359567
बैंक का नाम - बैंक आॅफ बड़ौदा, शाखा हबीबगंज भोपाल
Account No.   18600100015544
IFSC Code  :   BARB0HABIBG    (Fifth character is Zero)
MICR Code :  462012005
Paytm No.      9340359567

 वर्तमान निवास का पता -
हनुमान मंदिर स्वर्गाश्रम,
बद्रीनारायण मंदिर के पास,
 साउथ टी.टी. नगर, भोपाल  

 पूर्व संदर्भित लिंक ...
http://www.kavitarawat.in/2018/05/blog-post_24.html

 समाचार पत्र दैनिक 'पत्रिका' में शीर्षक "दृढ इच्छा शक्ति के बूते सफलता' नाम से प्रकाशित, link
https://www.patrika.com/opinion/mountain-man-dashrath-manjhi-2899154/






       

15 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

माँझी का सपना ज़रूर पूरा होगा ... समय रहते जो सोचता है वो अवश्य अपने मक़सद में सवाल होता है और माँझी ऐसा कर रहा है ... मेरी और सब की शुभकामनाएँ उसके साथ हैं .।.

मन की वीणा ने कहा…

लगन सच्ची है माही की उसका आत्मविश्वास उसे जरुर कामयाब करेगा शुभकामनाएं माही के लिये उसका रास्ता आसान बने।
यथार्थ चित्रण मन छूने वाला ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

जज्बे को सलाम। शुभकामनाएं भी साथ में।

संजय भास्‍कर ने कहा…

सबसे पहले माँझी के जज्बे को सलाम उसकी दृढ़ इच्छा शक्ति और कठोर परिश्रम से उसका सपना ज़रूर पूरा होगा !!

Unknown ने कहा…

यहाँ मांझी पर सोहनलाल द्विवेदी जी के यह कविता सटीक बैठती है कि -

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

राजेंद्र गुप्ता Rajendra Gupta ने कहा…

हो सके तो कृपया इस मांझी का पूरा नाम पता / संपर्क सूत्र भी बता दीजिये.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-06-2018) को "छन्द हो गये क्ल्ष्टि" (चर्चा अंक-2997) (चर्चा अंक-2989) (चर्चा अंक-2968) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

कविता रावत ने कहा…

नाम- धर्मेन्द्र कुमार मांझी
Mobile Number : 9340359567
बैंक का नाम - बैंक आॅफ बड़ौदा, शाखा हबीबगंज भोपाल
Account No. 18600100015544
IFSC Code : BARB0HABIBG (Fifth character is Zero)
MICR Code : 462012005
Paytm No. 9340359567

palash ने कहा…

कविता जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने एक ऐसे व्यक्ति से हमारा परिचय कराया जो लगन का पक्का है. रोजमर्रा के जीवन में न जाने कितना पैसा हम यूं ही खर्च कर देते हैं, निश्चित रूप से हम अपनी सामर्थय अनुसार धर्मेंद्र का सहयोग करने की कोशिश करेंगें ताकि वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी पढाई को दे सके।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

मांझी के सपने साकार होंगे. एक काम ज़रूर करे, इधर उधर एनजीओ के चक्कर काटने की जगह, थोड़ा समय निकाल के चार-छह बच्चों को पढ़ाये. अच्छी भली आमदनी होगी. शासन उसकी गुहार सुन ले तो बढ़िया ही है.

Anita ने कहा…

मांझी का परिश्रम सराहनीय है, उसकी सफलता के लिए शुभकामनायें !

Jyoti Dehliwal ने कहा…

मांझी को उसके प्रयासो में जरूर सफलता मिले यहीं शुभकामनाएं।

पल्लवी गोयल ने कहा…

मांझी के साथ आपके सामाजिक शुभचिंतन को प्रणाम । ईश्वर माझी के जज्बे को दृढ़ता और संकल्पों को पूर्ण करने में सहायता प्रदान करे ।
सादर ।

राजेंद्र गुप्ता Rajendra Gupta ने कहा…

धर्मेन्द्र के संपर्क सूत्र बताने के आभार, कविता जी. नमस्ते.

KUMMAR GAURAV AJIITENDU ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाएँ :)