दिसंबर 2009 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

देश की जो रीति पहले थी वह समझो अब तक है जारी

दिसंबर 16, 2009 8
देश में एक ओर जहाँ शांतिप्रिय श्रीरामजी ने राज किया वहीँ दूसरी ओर अत्याचारी घमंडी रावण ने भी राज किया दोनों ओर ही थे धुरंधर यौद्धा और ...
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शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

फिर वही बात हर किसी ने छेड़ी हैं

दिसंबर 11, 2009 14
अक्सर एकाकीपन ही मुझे अच्छा लगता अपनेपन से भरा साथ मिले किसी का जैसे यह दिखता कोई सुन्दर सपना है अपने पास तो आंसू ही शेष ऐसे दिखते जो...
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रविवार, 6 दिसंबर 2009