सितंबर 2010 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

गुरुवार, 30 सितंबर 2010

दुष्ट प्रवृत्ति वालों को उजाले से नफरत होती है

सितंबर 30, 2010
एक जगह पहुंचकर अच्छे और बुरे में बहुत कम दूरी रह जाती है इने-गिने लोगों की दुष्टता सब लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है ! दुष्ट   प्रवृत्त...
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रविवार, 26 सितंबर 2010

अपनेपन की भूल

सितंबर 26, 2010
जिन्हें हम अपना समझते हैं गर आँखों में उनकी झाँककर देखते हैं तो दिखता क्यों नहीं हरदम आँखों में उनके पहला सा प्यार? एक पल तो सब अपने से...
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शनिवार, 18 सितंबर 2010

शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

गणेशोत्सव : सबको भाता गणपति बप्पा

सितंबर 10, 2010
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू १० दिवसीय ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रथम पूज्य देव गणेश जी के जन्मोत्सव का बड़ों को ह...
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शनिवार, 4 सितंबर 2010

कौन हो तुम

सितंबर 04, 2010
कौन हो तुम! पहले पहल प्यार करने वाली शीत लहर सी सप्तरंगी सपनों का ताना-बाना बुनती चमकती चपला सी शरद की चांदनी सी गुलाब की पंखुड़ियों...
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