गणेशोत्सव : सबको भाता गणपति बप्पा - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

गणेशोत्सव : सबको भाता गणपति बप्पा

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू १० दिवसीय ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रथम पूज्य देव गणेश जी के जन्मोत्सव का बड़ों को ही नहीं वरन बच्चों को भी कुछ ज्यादा ही बेसब्री से इंतज़ार रहता है। बच्चों का गणेश जी से सहज लगाव शायद उनकी चंचल, लुभावनी मूर्तियों, नटखट से भरी प्यारी-प्यारी कहानियों और विविध रूप, आकार की आकृतियों को लेकर अधिक रहता है  जहाँ मेरा बचपन से ही शिव-पूजन से बेहद जुड़ाव रहा है, वहीँ आज जब मैं अपने बेटे जो अभी-अभी इसी वर्ष से स्कूल जा रहा है, का गणेश प्रेम देखकर कभी-कभी बहुत हैरान-परेशान हो जाती हूँ   हैरान-परेशान इसलिए क्योंकि अभी से आये दिन स्कूल से उसकी यह शिकायत आती है कि वह कक्षा में बैठकर आड़ी-टेढ़ी रेखाओं से गणेश के चित्र बनाता रहता है
          घर में भी बहुत डांटने-फटकारने के बावजूद भी वह दीवार से लेकर जो भी कोरा पन्ना मिला उसमें आड़ी-टेढ़ी रेखाओं से गणेश के चित्र उकेरना बैठ जाता है उसे दूसरे बच्चों की तरह खिलोंनों के बजाय गणपति जी से सम्बंधित किसी भी वस्तु/चीज आदि से खेलना बेहद भाता है. दूसरे बच्चों के साथ भी वह गणपति का खेल शुरू कर देता है, जिसे देख लोग हँसकर रह जाते हैं. रास्ते में या कहीं भी बाजार में जहाँ कहीं भी उसके नज़र गणेशनुमा चीज पर पड़ी नहीं कि फिर तो हाथ धोकर उसे लेने के पीछे पड़ जाता है यही नहीं संस्कृत के श्लोक "वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ: निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा" और 'गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्जम्बू फलचारूभक्षणं, उमासुतं शोकविनाशकारम नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम" जैसे कठिन वाक्य भी बड़ी सरलता से बिना अटके कहा देता है गणेश जी की कोई किताब हाथ लगी नहीं कि एक ही रट लगा बैठता है कि सुनाओ/बताओ क्या लिखा है इसमें, मना करने पर मुहं लटकाकर एक कोने में बैठ 'कट्टी' कहकर मौन धारण कर लेता है, और भी बहुत सी बातें जो मैं बाद में कभी बताऊँगी फिलहाल इस अवसर पर मैं उसकी आड़ी-टेढ़ी रेखाओं से बनाई कुछ गणेश आकृति और गणपति प्रेम प्रस्तुत कर रही हूँ 
         अगले वर्ष फिर से गणपति जी विराजमान हों, इसलिए प्रेम व श्रद्धापूर्वक बोले : "गणपति बप्पा मोरया, पुरछिया वर्षी लौकरिया"

सभी  ब्लॉगर्स और सुधि पाठकों को गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!

                                                                        ....कविता रावत

43 टिप्‍पणियां:

राजभाषा हिंदी ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति। गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!

हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।

हिन्दी का विस्तार-मशीनी अनुवाद प्रक्रिया, राजभाषा हिन्दी पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

गणेश उत्सव पर आपने बहुत विस्तृत और रोचक जानकारी प्रस्तुत की है---हार्दिक शुभकामनायें।

कडुवासच ने कहा…

... sundar, saarthak post !!!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bete ki in rekhaaon me yun hi to ganpati nahin aate.... ganpati bappa morya

निर्मला कपिला ने कहा…

बेटे पर गण्पति की कृपा बनी रहे। बहुत अच्छा आलेख है। गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ.

राजेश उत्‍साही ने कहा…

कविता जी गणेश जी तो आपके घर में विराजमान हैं। सचमुच बेटे की इस कलारुचि को जितना संभव हो प्रोत्‍साहन दीजिए,यही असली गणेश उपासना है। उसे कागज,दीवार और उससे भी बड़ा कैनवास दीजिए।

कुश ने कहा…

बप्पा तो हमारे भी फेवरेट है.. ये बहुत ख़ुशी की बात है कि हमारे बच्चे श्लोक और दोहे अभी भी कंठस्थ करते है वरना जिस तरह विदेशी चैनलों का प्रसार हो रहा है भारत में ऐसे में हमारी अपनी संस्कृति लुप्त सी होती लगती है..
बहरहाल आपने बहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध करायी..

राज भाटिय़ा ने कहा…

गणेश जी के बारे हमे ज्यादा नही पता, लेकिन जितना पता है , वो सब हम ने अपने बच्चो को भी बताया है, बाकी बहुत सी बाते बच्चे खुद भी सीख लेते है, लेकिन जब भारत मै आते है तो हम हेरान होते है कि वहां के बच्चो को होली ओर दिवाली के बारे भी नही पता कि इन्हे क्यो मनाते है, मंत्र शलोको की बात तो बहुत दुर है, बहुत अच्छा लगा पढ कर कि आप का बेटा इन सब बातो मै रुचि लेता है, धन्यवाद

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

...बहुत अच्छी जानकारी
गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ..........

shikha varshney ने कहा…

बहुत सुन्दर पोस्ट.

Unknown ने कहा…

अभिनव आलेख........
उत्तम पोस्ट !

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छा आलेख.


गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी देती हुई पोस्ट ....बच्चे की कला पर रोक न लागाएं ....

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

अच्छी जानकारी दी. बच्चे को उसके मन का करने दें.

हर पल होंठों पे बसते हो, “अनामिका” पर, ... देखिए

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

गणपति उत्सव की शुभकामनाओं के साथ,पुत्र की प्रतिभा पर एक लिंक देना चाहुँगा!! अवसर मिले तो अवश्य पढकर देखेंगी!!
http://chalaabihari.blogspot.com/2010/08/blog-post_13.html

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

गणपति मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं. शुभकामनाएं.

Shah Nawaz ने कहा…

गणेशोत्स पर हार्दिक शुभकामनाएं!

Pankaj Trivedi ने कहा…

इस ज्ञानवर्धक आलेख के साथ आपको ढेर सारी बधाई |


please, blog par koi nai Rachana rakho to FB par message ya mail kar do... khushi hogi..

tension point ने कहा…

रोचक जानकारी,ज्ञानवर्धक लेख बधाई |

विजय मधुर ने कहा…

aapke pass sundar vicharon ke saath-sath
jankarion ka bhee bhandar hai...badhaee

Unknown ने कहा…

ganetsaw ki hardik shubhkamanaye aapke bichar aur lekh achchhelage bahut hi achchhe lage
arganikbhagyodayblogspot.com

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !
बहुत सुन्दर !

Rohit Singh ने कहा…

क्या कविता जी। भगवान बम बोले की अराधना करती रहीं. तो लंबोदर तो आने ही थे न आपके घर। लंबोदर न सही उनका भक्त ही सही। आपको तो खुश होना चाहिए। ओघड़दानी अपने भक्तों की खुशी के लिए जाने क्या क्या कौतुक करते रहते हैं। वो तो खुशी-खुशी आपको उपहार दे चुके हैं। मां की तरह परेशान होईए औऱ भोलेशंकर की महिमा गाहिए और उनके आशिर्वाद को सिर माथे पर लगाइए। जय बम भोले.....आपको भी गणपति बप्पा की विनायक चतुर्थी की शुभकामनाएं....

Unknown ने कहा…

बहुत अच्छा आलेख है। गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

सभी धर्मों के बारे में जानकारी हासिल करना मेरा शौक है...
आपकी इस पोस्ट में श्री गणेश के विषय में विस्तार से बताया गया है...
आपकी भाषा शैली ने विशेष रूप से प्रभावित किया है.

Smart Indian ने कहा…

गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत अच्छी रोचक ,ज्ञानवर्धक जानकारी. गणेशोत्स पर हार्दिक शुभकामनाएं

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

jaankari purn post...:) aapko bhi ganesh chaturthi ki subhkamnayen......:)

Akanksha Yadav ने कहा…

अगले वर्ष फिर से गणपति जी विराजमान हों, इसलिए प्रेम व श्रद्धापूर्वक बोले : "गणपति बप्पा मोरया, पुरछिया वर्षी लौकरिया"....बहुत सुन्दर पोस्ट....शुभकामनायें.

rashmi ravija ने कहा…

बहुत ही जानकारीपूर्ण पोस्ट...आपके बेटे का गणपति प्रेम देख तो सच मन प्रसन्न हो गया....उसकी ऐसी ही आस्था बनी रहें..ढेरों शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा ने कहा…

गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ....
Sundar chitr hain ...

RAJ ने कहा…

गणपति मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं.
गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ....

सुशीला पुरी ने कहा…

इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपका आभार , आपको भी गणपति पूजा व हिन्दी दिवस की बधाई । किन्तु हिन्दी दिवस एक दिन का नही , 365 दिन का....।

हिंदीब्लॉगजगत ने कहा…

आपका ब्लॉग जोड़ लिया है.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

अद्भुत है आपका बालक ......
कुछ पिछले जन्मों फल रहा होगा .....शायद .....जो ऐसा सपूत मिला आपको ....
खुशनसीब हैं आप .....
कभी विस्तार से बताइयेगा .....!!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

..उम्दा पोस्ट।
"गणपति बप्पा मोरया, पुरछिया वर्षी लौकरिया"

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

गणेशोत्सव की बधाई...पहली बार आपके ब्लॉग पर आई...बहुत अच्छा लगा...अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद

कभी यहां भी जरूर आइए...
http://veenakesur.blogspot.com/

नीरज गोस्वामी ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारी भरी पोस्ट...आपका साधुवाद...

नीरज

SATYA ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति,
यहाँ भी पधारें:-
अकेला कलम...

माधव( Madhav) ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारी भरी पोस्ट

शरद कोकास ने कहा…

ज्ञानवर्धक लेख ।

jashma.in ने कहा…

good ...

बेनामी ने कहा…

Tricks you need to see coming from your long means of
and be prepared to defend against super real official figures published yesterday show
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