नवंबर 2024 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

गुरुवार, 28 नवंबर 2024

जिंदगी में हमारी अगर दुश्वारियां नहीं होती

नवंबर 28, 2024
जिंदगी में हमारी अगर दुशवारियाँ नहीं होती हमारे हौसलों पर लोगों को हैरानियाँ नहीं होती चाहता तो वह मुझे दिल में भी रख सकता था मुनासिब ह...
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बुधवार, 27 नवंबर 2024

देश के जयचंदों को चुन चुन मार भगाना होगा

नवंबर 27, 2024
कटुता कपट सहेजे मन में मुख पर मीठे बोल यहां। घृणा द्वेष ने ओढ़ रखा है अपनेपन का खोल यहां।। बिकते देखी है नैतिकता दो कौड़ी के मोल यहां। बनी व...
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शनिवार, 23 नवंबर 2024

चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे

नवंबर 23, 2024
जिसे कहते हैं फर्ज या रिश्ते निभाना आजकल यह सब आखिर कौन निभा रहा है देखो तो जरा अपने आस पास बस ढोह रहे हैं एक दूसरे को चल रही गाड़ी बैशाखियो...
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शुक्रवार, 22 नवंबर 2024

जिसका जहाज डूब चुका हो वह हर समुद्र से खौफ़ खाता है

नवंबर 22, 2024
एक जगह पहुंचकर अच्छे और बुरे में बहुत कम दूरी रह जाती है इने-गिने लोगों की दुष्टता सब लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है ! दुष्ट   प्रवृत्त...
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मंगलवार, 19 नवंबर 2024

सोमवार, 18 नवंबर 2024

पर लगाकर जो उड़ना चाहे आसमां में वह जमीं पर भला कैसे चल सकता है

नवंबर 18, 2024
कपोल कल्पित कल्पना में जीने वाले हकीकत का सामना करने से डरते हैं जो हौंसला रखते सागर पार करने की वह कभी नदियों में नहीं डूबा करते हैं ऊंचाईय...
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रविवार, 17 नवंबर 2024

लाख बहाने पास हमारे we have million excuses। हिन्दी गीत

नवंबर 17, 2024
लाख बहाने पास हमारे कैसा फैला झूठा रोग जितने रंग बदलता गिरगिट उतने रंग बदलते लोग नहीं पता कब किसको किसके आगे रोना-झुकना रंग बदलती दुनिया में...
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शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

बुधवार, 13 नवंबर 2024

रविवार, 10 नवंबर 2024

लम्बी उम्र सब चाहते हैं पर बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता है

नवंबर 10, 2024
लम्बी उम्र सब चाहते हैं पर बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता है यौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है छोटी उम्र या कोरे कागज...
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गुरुवार, 7 नवंबर 2024

न उखडती हुई सांसों को देखो कि अभी उन्हें कितना चलना है

नवंबर 07, 2024
न बुझते हुए दीपक को देखो कि अभी उसे कितना जलना है न उखडती हुई सांसों को देखो कि अभी उन्हें कितना चलना है गुजरा जो जिंदगी के हर मोड़ से...
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सोमवार, 4 नवंबर 2024

घर को तेरा इंतजार है, सारा घर बीमार है।

नवंबर 04, 2024
एक बार आकर देख जा बेटे घर को तेरा इन्तजार है घर सारा बीमार है. बाप के तेरे खांस-खांस कर हुआ बुरा हाल है छूटी लाठी , पकड़ी खटिया ...
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