दिसंबर 2015 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है

दिसंबर 18, 2015
सोए हुए भेड़िए के मुँह में मेमने अपने आप नहीं चले जाते हैं। भुने   हुए   कबूतर   हवा   में  उड़ते  हुए  नहीं  पाए  जाते  हैं।। सोई लो...
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गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

भोपाल गैस त्रासदी: मैं ही नहीं अकेली दुखियारी

दिसंबर 03, 2015
अब तक 15 हज़ार से भी अधिक लोगों को मौत के आगोश में सुला देने वाली विश्व की सबसे बड़ी औधोगिक त्रासदी की आज 31वीं बरसी है। आज भी जब मौत के ...
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