जुलाई 2024 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

बुधवार, 31 जुलाई 2024

शनिवार, 27 जुलाई 2024

गरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग-2) एक और मांझी की डॉक्टर बनने की संघर्ष गाथा

जुलाई 27, 2024
पूर्व से निरन्तर..... ... धर्मेन्द्र मांझी रात भर सोच-विचार कर रोता-कल्पता रहा। जब सुबह हुई और उसने उगते सूरज को देखा तो उसे यह बात समझ आयी...
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शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

गुरुवार, 25 जुलाई 2024

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

सावन के झूले और उफनते नदी-नाले। वर्षा ऋतु के खूबसूरत नज़ारे

जुलाई 23, 2024
ग्रीष्मकाल आया तो धरती पर रहने वाले प्राणी ही नहीं अपितु धरती भी झुलसने लगी। खेत-खलियान मुरझाये तो फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखी तो फूलों...
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रविवार, 21 जुलाई 2024

दादू सब ही गुरु किए, पसु पंखी बनराइ । गुरु पूर्णिमा

जुलाई 21, 2024
घर में माता-पिता के बाद स्कूल में अध्यापक ही बच्चों का गुरु कहलाता है। प्राचीनकाल में अध्यापक को गुरु कहा जाता था और तब विद्यालय के स्...
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सोमवार, 15 जुलाई 2024

शुक्रवार, 12 जुलाई 2024

सूरज की तपन गई बरखा बहार आयी

जुलाई 12, 2024
सूरज की तपन गई बरखा बहार आयी झुलसी-मुरझाई धरा पर हरियाली छायी बादल बरसे नदी-पोखर जलमग्न हो गए खिले फूल, कमल मुकुलित बदन खड़े हुए नदियां ...
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