Thursday, December 31, 2015
Friday, December 18, 2015
उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है
कविता रावत
December 18, 2015
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सोए हुए भेड़िए के मुँह में मेमने अपने आप नहीं चले जाते हैं। भुने हुए कबूतर हवा में उड़ते हुए नहीं पाए जाते हैं।। सोई लो...
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Thursday, December 10, 2015
Monday, December 7, 2015
Thursday, December 3, 2015
भोपाल गैस त्रासदी: मैं ही नहीं अकेली दुखियारी
कविता रावत
December 03, 2015
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अब तक 15 हज़ार से भी अधिक लोगों को मौत के आगोश में सुला देने वाली विश्व की सबसे बड़ी औधोगिक त्रासदी की आज 31वीं बरसी है। आज भी जब मौत के ...
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Monday, November 30, 2015
क्या है तेरे दिल का हाल रे
कविता रावत
November 30, 2015
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मिला तेरा प्यारा भरा साथ हुआ है मेरा दिल निहाल रे आकर पास तू भी बता जरा क्या है तेरे दिल का हाल रे मिला प्यारा हमसफ़र जिंदगी का...
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Friday, November 20, 2015
हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह होती है
कविता रावत
November 20, 2015
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हरेक पैर में एक ही जूता नहीं पहनाया जा सकता है। हरेक पैर के लिए अपना ही जूता ठीक रहता है।। सभी लकड़ी तीर बनाने के लिए उपयुक्...
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Tuesday, November 10, 2015
पंच दिवसीय दीप पर्व
कविता रावत
November 10, 2015
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पंच दिवसीय दीप पर्व का आरम्भ भगवान धन्वन्तरी की पूजा-अर्चना के साथ होता है, जिसका अर्थ है पहले काया फिर माया। यह वैद्यराज धन्वन्तरी की...
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Saturday, November 7, 2015
अपना अपना दीपावली उपहार
कविता रावत
November 07, 2015
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ये जो तंग गली सड़क किनारे बिखरा शहर की बहुमंजिला इमारतों घरों से सालभर का जमा कबाड़ बाहर निकल आया उत्सवी रंगत में उसकी आहट से कुछ...
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Friday, October 30, 2015
Thursday, October 22, 2015
Tuesday, October 20, 2015
Tuesday, October 13, 2015
गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है
कविता रावत
October 13, 2015
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हिन्दू साहित्य में गाय- प्राचीनकाल से ही भारत के जनमानस में गाय के प्रति सर्वोच्च श्रद्धा भाव रहा है। उसे राष्ट्र की महान धरोहर, लौकिक ...
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Wednesday, October 7, 2015
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है
कविता रावत
October 07, 2015
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दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
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Saturday, September 26, 2015
सीहोर के सिद्ध चिंतामन गणेश
कविता रावत
September 26, 2015
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देश में चिंतामन सिद्ध गणेश की चार स्वंयभू प्रतिमाएं हैं, जिनमें से एक सीहोर में विराजित हैं। यहां साल भर लाखों श्रृद्धालु भगवान गणेश क...
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Friday, September 18, 2015
श्री गणेश जन्मोत्सव
कविता रावत
September 18, 2015
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उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता की अनूठी पहचान कराते हैं। रक्षाबन्धन के साथ ही त्यौहारों का सिलसिला शुरू ...
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Monday, September 14, 2015
हिन्दी दिवस हिन्दी का पर्व है
कविता रावत
September 14, 2015
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प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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Thursday, September 10, 2015
Friday, September 4, 2015
5 सितम्बर - शिक्षक दिवस
कविता रावत
September 04, 2015
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शिक्षकों द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्यों का मूल्यांकन कर उन्हें सम्मानित करने का दिन है ‘शिक्षक दिवस‘। छात्र-छात्राओं के प्र...
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Friday, August 28, 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है
कविता रावत
August 28, 2015
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कच्चे धागों में बहनों का प्यार है । देखो राखी का आया त्यौहार है । । सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की...
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Friday, August 14, 2015
हिन्द देश का प्यारा झंडा
कविता रावत
August 14, 2015
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हिन्द देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगा तूफान और बादलों से भी नहीं झुकेगा नहीं झुकेगा, नहीं झुकेगा, झंडा नहीं झुकेगा हिन्द देश का प्यारा...
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Monday, August 10, 2015
उद्यानिकी स्वर्ण क्रान्ति अभियान
कविता रावत
August 10, 2015
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हमारा भोपाल शहर बहुत खूबसूरत है और अब इस खूबसूरती को घर-घर तक पहुंचाकर उस पर चार चांद लगाने का शुभारम्भ गुलाब उद्यान भोपाल द्वारा गार...
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।
