हमारा भोपाल शहर बहुत खूबसूरत है और अब इस खूबसूरती को घर-घर तक पहुंचाकर उस पर चार चांद लगाने का शुभारम्भ गुलाब उद्यान भोपाल द्वारा गार्डन एट काॅल और फल, सब्जी परिरक्षण, प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्र की सुविधा देकर करने जा रहा है। जिसमें कोई भी व्यक्ति टेलीफोन कर गार्डन एट काॅल की सुविधा के तहत् अपने निवास पर शोभायमान पौधे, लाॅन लगाने के साथ-साथ अपने बगीचे के रख-रखाव की सुविधा का लाभ उठाने के साथ ही प्रशिक्षण केन्द्र में फलों एवं सब्जियों का परिरक्षण करा सकेंगे। इस हेतु प्रशिक्षण केन्द्र में प्रत्येक माह में 2 सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में फल, सब्जी परिरक्षण एवं प्रसंस्करण की उन्नत तकनीकी जानकारी दी जायेगी।
प्रदेश में उद्यान के समग्र विकास हेतु मध्यप्रदेश उद्यानिकी स्वर्ण क्रान्ति अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसके प्रथम चरण में प्रदेश के सभी जिलों में 10 अगस्त 2015 को उद्यान महोत्सव एवं पुष्प महोत्सव का आयोजन कर लगभग 15 लाख फलदार वृक्ष एवं 1 करोड़ फूलों के पौधे दिसम्बर तक रोपित किए जाने के लक्ष्य के साथ ही 20 लाख नैनो आॅर्चर्ड स्थापना सह-वाड़ी विकास कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। उद्यानिकी स्वर्ण क्रांति अभियान के तहत उद्यान विभाग द्वारा विद्यालय, महाविद्यालय चिकित्सालय, शासकीय कार्यालय एवं रिक्त शासकीय भूमि पर विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे जैसे आम, अमरूद, बैर, जामून, सीताफल आदि की आवश्यकता अनुसार पौधो का वितरण निःशुल्क किया जावेगा। इस कार्यक्रम के तहत् कृषक अपने वाड़ी में फलदार वृक्ष एवं सब्जी उत्पादन कर पौष्टिक आहार की पूर्ति कर अतिशेष का विक्रय कर आय भी प्राप्त कर सकेंगे। उद्यानिकी स्वर्ण क्रांति अभियान के तहत् उद्यानिकी फसलों में उत्पादन, उत्पादकता एवं क्षेत्रफल वृद्धि के साथ-साथ तकनीकी हस्तक्षेप, डिजिटाईजेशन के कार्य के साथ ही प्रसंस्करण, विपणन एवं बाण्ड इक्विटी पर विशेष ध्यान देते हुए कृषकों की एवं प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने का लक्ष्य निर्धारण किया गया है।
आज शहरों में बढ़ती पर्यावरण प्रदूषण की समस्या शहरवासियों से प्राकृतिक वायु और शुद्ध जल छीनकर उन्हें नई-नई असाध्य बीमारियों की ओर धकेल रही है। शुद्ध हवा जीवन जीने का अनिवार्य तत्व है, जिसके स्रोत हैं-वन, हरे-भरे बाग-बगीचे और लहलहाते पेड़-पौधे। इनके संरक्षण में ही मानव जीवन का हित समाहित है। पेड़-पौधों से मिलने वाले आॅक्सीजन से ही पर्यावरण स्वस्थ और शुद्ध रहता है। इसके लिए हमें अपने घर के आस-पास, छत, बाग-बगीचों में फल-फूल के पेड़-पौधों का रोपण कर शहर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करते रहने की सख्त जरूरत है। इसके लिए सरकारी/गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित आयोजनों का लाभ उठाते हुए निरंतर जन-जन तक पर्यावरण की शुद्धि के लिए तथा प्रदूषण से मानवों की रक्षा के लिए प्रचार-प्रचार कर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए संकल्पित होना होगा।
इस दिशा में हमारे भोपाल में मध्यप्रदेश रोज सोसायटी और संचालनालय उद्यानिकी की ओर से जनवरी के प्रथम सप्ताह में २ दिवसीय अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी का आयोजन अनुकरणीय व उल्लेखनीय पहल है, जिसमें शहरवासियों को गुलाब की वर्तमान प्रचलित किस्मों जिसमें हाइब्रिड गुलाब, देशी गुलाब एवं कटिंग-बडिंग से निर्मित गुलाबों के साथ वर्गीकृत पांच किस्म एच.टी.गुलाब, फ्लोरीबन्डा, मिनीएचर (बटन गुलाब), पोलीयेन्था और लता गुलाब समूह के अंतर्गत आने वाले लगभग 500 किस्मों को एक साथ देखने-समझने का सुनहरा अवसर मिलता है। इस प्रदर्शनी में गुलाबों के लगभग ३०-३५ स्टॉल्स पर पिटोनिया, लिबोनिका, पैंजी, फलॉक्स, डायम्पस, गुलदाउदी, डहेलिया, लिफोरिया, सालविया, पंसेटिया और सकीलैंड्स जैसे पौधों के बहुत से प्रकार सतरंगी गुलाबी खुशबुओं की महक चारों ओर बिखेरते हैं। इसके साथ ही दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, महाराष्ट्र, जमशेदपुर, नागपुर, इन्दौर, पचमढ़ी, जयपुर आदि शहरों से लाए गए गुलाब की विभिन्न किस्में जैसे- कबाना, ब्लैक बकारा, डकोलेंडी, डायना प्रिंसिंस ऑफ द वॉल, डीप सीक्रेट, जस जॉय, रोज ओ बिन, हैडलाइनर अपनी खूबसूरती और खूबियों से लोगों का मन मोह लेते हैं और उन्हें अपने घरों में लगाने के लिए उत्साहित करते हैं। गुलाब प्रदर्शनी के साथ सैकड़ों किस्म के बोनसाई क्लबों की विशिष्ट बोन्साई कला का सार्थक प्रदर्शन भी मुख्य आकर्षण का केंद्र बना रहता हैं। सुन्दर सजावट के साथ रखे बोनसाई पेड़-पौधे जिसमें बरगद, पीपल, साइकस पाम, आम, नीबू, अमरूद, शहतूत, नारंगी, लोलिना पाम, टी साइकस आदि लोगों को पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए प्रेरित करते हैं।