जुलाई 2014 - KAVITA RAWAT
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

बुधवार, 30 जुलाई 2014

कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद

जुलाई 30, 2014
          हिन्दी साहित्य की आजीवन सेवा कर हिन्दी-गद्य का रूप स्थिर करने, उपन्यास-साहित्य को मानव-जीवन से संबंधित करने एवं कहानी को साहित...
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बुधवार, 23 जुलाई 2014