Monday, December 7, 2015
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।

बधाई
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 08 दिसम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसुंंदर
ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteबधाई कविता जी ......
ReplyDeleteसुन्दर शब्द को उचित स्थान और सम्मान प्राप्त होता है तो ख़ुशी होती है ! बधाई आपको कविता जी
ReplyDeletewaah.... badhaaiyan
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .........हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteमन को बींध गयी ये कविता।
ReplyDeleteगहरी संवेदना ......सुन्दर रचना
ReplyDeleteगहन सम्वेदनायुक्त सुन्दर रचना ...बधाई कविता जी !
ReplyDeleteWaaaah bht bht badhaiii
ReplyDeletesensitive poem. Thanks for visiting my blog.
ReplyDeleteसुन्दर कविता...प्रकाशन के लिए बधाई....
ReplyDeleteबधाई!!
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