गुरुवार, 10 दिसंबर 2015
न्याय का इंतज़ार कर रहे गैस पीड़ित
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।
15 टिप्पणियां:
बधाई - गैस पीड़ितों को न्याय मिले
यही हमारे समाज की त्रासदी है कि न्याय का इंतज़ार करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते...
गंभीर चिंतन आलेख .....बिडम्बना है ...
सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब होता है और उसको देखने सुनने वाला ऊपर वाला है .......जब सुन ले उनकी .................
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (11.12.2015) को " लक्ष्य ही जीवन का प्राण है" (चर्चा -2187) पर लिंक की गयी है कृपया पधारे। वहाँ आपका स्वागत है, सादर धन्यवाद।
न्याय दिलाने का काम तो जिम्मेदार और जवाबदेह सरकारों का होता है। पर अफसोस अपने देश में जिम्मेदारी और जवाबदेही का घोर आभाव है। आशा है कि न्यायपालिका ही गैस पीडि़तों के लिए कुछ राहत देने का काम करेगी।
सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
सार्थक लेखन ,,,,,,,,,,,,,,,,,
बधाई !
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
बहुत सटीक लेख। आप की लेखनी से मै बहुत प्राभावित हूँ ।
बहुत सुंदर और सार्थक लेख.
जाने कब न्याय मिलेगा ? इस दुर्भग्यपूर्ण घटना को लेकर भी राजनीती ही हुयी , जो बेहद दुखद है
बधाई आपको और आपकी खूबसूरत कलम को
सार्थक एवं चिंतनपरक आलेख...
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