ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।
न्याय दिलाने का काम तो जिम्मेदार और जवाबदेह सरकारों का होता है। पर अफसोस अपने देश में जिम्मेदारी और जवाबदेही का घोर आभाव है। आशा है कि न्यायपालिका ही गैस पीडि़तों के लिए कुछ राहत देने का काम करेगी।
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
15 टिप्पणियां:
बधाई - गैस पीड़ितों को न्याय मिले
यही हमारे समाज की त्रासदी है कि न्याय का इंतज़ार करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते...
गंभीर चिंतन आलेख .....बिडम्बना है ...
सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब होता है और उसको देखने सुनने वाला ऊपर वाला है .......जब सुन ले उनकी .................
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (11.12.2015) को " लक्ष्य ही जीवन का प्राण है" (चर्चा -2187) पर लिंक की गयी है कृपया पधारे। वहाँ आपका स्वागत है, सादर धन्यवाद।
न्याय दिलाने का काम तो जिम्मेदार और जवाबदेह सरकारों का होता है। पर अफसोस अपने देश में जिम्मेदारी और जवाबदेही का घोर आभाव है। आशा है कि न्यायपालिका ही गैस पीडि़तों के लिए कुछ राहत देने का काम करेगी।
सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
सार्थक लेखन ,,,,,,,,,,,,,,,,,
बधाई !
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
सुंदर, सार्थक लेखन। तीस साल बाद भी गैस पीड़ित बस्तियों में हालात नहीं सुधरे, उस पर न्याय में देरी। लोग नारकीए जीवन जी रहे हैं। इन्हें समाज से मुख्यधारा में जोड़ने का प्रभावी प्रयास तक नहीं किया गया।
बहुत सटीक लेख। आप की लेखनी से मै बहुत प्राभावित हूँ ।
बहुत सुंदर और सार्थक लेख.
जाने कब न्याय मिलेगा ? इस दुर्भग्यपूर्ण घटना को लेकर भी राजनीती ही हुयी , जो बेहद दुखद है
बधाई आपको और आपकी खूबसूरत कलम को
सार्थक एवं चिंतनपरक आलेख...
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