दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है।
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।।
दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है।
बहुत सोच-विचारने वाला कुछ नहीं कर पाता है।।
शुभ मुहूर्त की उधेड़बुन में सही वक्त निकल जाता है।
दो खरगोशों के पीछे दौड़ने पर कोई भी हाथ नहीं आता है।।
मेढ़कों के टर्र-टर्राने से गाय पानी पीना नहीं छोड़ती है।।
कुत्ते भौंकते रहते हैं पर हवा जो चाहे उड़ा ले जाती है।।

दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है।
बहुत सोच-विचारने वाला कुछ नहीं कर पाता है।।
शुभ मुहूर्त की उधेड़बुन में सही वक्त निकल जाता है।
दो खरगोशों के पीछे दौड़ने पर कोई भी हाथ नहीं आता है।।
मेढ़कों के टर्र-टर्राने से गाय पानी पीना नहीं छोड़ती है।।
कुत्ते भौंकते रहते हैं पर हवा जो चाहे उड़ा ले जाती है।।