Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona: लोक उक्ति में कविता
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।
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मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

नेक इंसान नेकी कर उसका ढोल नहीं पीटता है

अप्रैल 08, 2025 7
अच्छाई सीखने का मतलब बुराई को भूल जाना होता है। प्रत्येक सद्‌गुण किन्हीं दो अवगुणों के मध्य पाया जाता है।। बहुत बेशर्म बुराई को भी द...
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सोमवार, 3 मार्च 2025

समय का प्रवाह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है

मार्च 03, 2025 13
ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है थोड़ी देर का सुख बहुत लम्बे समय का पश्चाताप होता है एक बार कोई अवसर हाथ से निकला तो वापस ...
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सोमवार, 17 फ़रवरी 2025

बुधवार, 11 दिसंबर 2024

सोमवार, 9 दिसंबर 2024

मंगलवार, 19 जनवरी 2021

जब शेर पिंजरे में बन्द हो तो कुत्ते भी उसे नीचा दिखाते हैं

जनवरी 19, 2021 18
जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है तभी वह बूढ़ा होने लगता है बुढ़ापा मनुष्य के चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं   जितनी उसके मन पर डाल देता है अनुभव से...
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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

मौत तारीख देखकर नहीं आती है

अप्रैल 20, 2020 12
सबकुछ मिट्टी से पैदा होकर फिर उसी में मिल जाता है राजा हो या रंक सबका अंत एक-सा होता है। उसी का जीवन सार्थक है जो गलतियों से फायदा उठाता ...
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सोमवार, 26 नवंबर 2018

उखड़े हुए पेड़ पर हर कोई कुल्हाड़ी मारता है

नवंबर 26, 2018 7
मक्खन की हंड़िया सिर पर रखकर धूप में नहीं चलना चाहिए बारूद के ढ़ेर पर बैठकर आग का खेल नहीं खेलना चाहिए छोटा से पैबंद न लगाने पर बहुत बड़ा छ...
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शनिवार, 16 दिसंबर 2017

चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला

दिसंबर 16, 2017 21
कानून का निर्णय काले कौए को बरी लेकिन फाख्ता को दोषी ठहराता है निर्धन के लिए मुसीबत और धनवान के लिए कानून फायदेमंद होता है मुकदमे में कि...
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बुधवार, 1 नवंबर 2017

बुधवार, 7 अक्टूबर 2015

दो घरों का मेहमान भूखा मरता है

अक्टूबर 07, 2015 22
दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
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