
निर्धन के लिए मुसीबत और धनवान के लिए कानून फायदेमंद होता है
मुकदमे में किसान नहीं जमींदार को हमेशा सही माना जाता है
धनवान के लिए एक कानून और निर्धन के लिए दूसरा होता है
एक निर्दोष को दंड देने से दस दोषियों को छोड़ देना भला
दो वकीलों के बीच फंसने से मुकदमा वापस लेना भला
जो दूसरों का बुरा सोचता है उसका अपना बुरा होता है

गीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
कानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।
चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला
...कविता रावत
वाह्ह्ह...कविता जी...बहुत ही लाज़वाब सारगर्भित अभिव्यक्ति,आपने खूब आईना दिखाया है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह ... हर बात जैसे एक सूक्ति की तरह है ...
जवाब देंहटाएंसटीक, स्पष्ट और शब्दों के साथ न्याय करती हुयी ... लक्ष्य को भेद रही है ... आज की वास्तविकता है ...
अर्थपूर्ण तर्क !
जवाब देंहटाएंशानदार
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा कविता जी कि
जवाब देंहटाएंचूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला। सुंदर प्रस्तुति।
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
जवाब देंहटाएंउम्दा
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना....हार्दिक बधाई
सटीक रचना
जवाब देंहटाएंसही है.
जवाब देंहटाएंअन्याय पूर्णण शान्ति से अन्याय पूर्ण युद्ध भला.....
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
बहुत ही सटीक....
लाजवाब अभिव्यक्ति
सार्थक रचना..
जवाब देंहटाएंअन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला।
शानदार
जवाब देंहटाएंसतवचन :)
जवाब देंहटाएंसत्य वचन ..कडवे बोल
जवाब देंहटाएंगीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
जवाब देंहटाएंकानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।
अत्यंत सारगर्भित रचना...
नव वर्ष की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंवर्तमान का हाल और विसंगति पर व्यंग खूब बनता है.
आनंद आया पढ़कर.
आपने बहुत अच्छी बात कही है।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंक्या बात...
लाजवाब।