
निर्धन के लिए मुसीबत और धनवान के लिए कानून फायदेमंद होता है
मुकदमे में किसान नहीं जमींदार को हमेशा सही माना जाता है
धनवान के लिए एक कानून और निर्धन के लिए दूसरा होता है
एक निर्दोष को दंड देने से दस दोषियों को छोड़ देना भला
दो वकीलों के बीच फंसने से मुकदमा वापस लेना भला
जो दूसरों का बुरा सोचता है उसका अपना बुरा होता है

गीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
कानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।
चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला
...कविता रावत
24 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-12-2017) को
"लाचार हुआ सारा समाज" (चर्चा अंक-2820)
पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 17 दिसम्बर 2017 को साझा की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह्ह्ह...कविता जी...बहुत ही लाज़वाब सारगर्भित अभिव्यक्ति,आपने खूब आईना दिखाया है।
सुन्दर
वाह ... हर बात जैसे एक सूक्ति की तरह है ...
सटीक, स्पष्ट और शब्दों के साथ न्याय करती हुयी ... लक्ष्य को भेद रही है ... आज की वास्तविकता है ...
अर्थपूर्ण तर्क !
शानदार
बिल्कुल सही कहा कविता जी कि
चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला। सुंदर प्रस्तुति।
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
उम्दा
बेहतरीन रचना....हार्दिक बधाई
सटीक रचना
सही है.
अन्याय पूर्णण शान्ति से अन्याय पूर्ण युद्ध भला.....
वाह!!!!
बहुत ही सटीक....
लाजवाब अभिव्यक्ति
सार्थक रचना..
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला।
शानदार
सतवचन :)
सत्य वचन ..कडवे बोल
गीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
कानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।
अत्यंत सारगर्भित रचना...
नव वर्ष की शुभकामनायें.
वर्तमान का हाल और विसंगति पर व्यंग खूब बनता है.
आनंद आया पढ़कर.
आपने बहुत अच्छी बात कही है।
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२३ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।,
सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति ,सादर नमन
वाह!!!
क्या बात...
लाजवाब।
Post a Comment