चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 16 दिसंबर 2017

चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला

कानून का निर्णय काले कौए को बरी लेकिन फाख्ता को दोषी ठहराता है
निर्धन के लिए मुसीबत और धनवान के लिए कानून फायदेमंद होता है

मुकदमे में किसान नहीं जमींदार को हमेशा सही माना जाता है
धनवान के लिए एक कानून और निर्धन के लिए दूसरा होता है

एक निर्दोष को दंड देने से दस दोषियों को छोड़ देना भला
दो वकीलों के बीच फंसने से मुकदमा वापस लेना भला

जो दूसरों का बुरा सोचता है उसका अपना बुरा होता है
ईश्वर देर भले ही करे लेकिन अनदेखी नहीं करता है

गीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
कानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।

चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला

...कविता रावत

21 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

वाह्ह्ह...कविता जी...बहुत ही लाज़वाब सारगर्भित अभिव्यक्ति,आपने खूब आईना दिखाया है।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... हर बात जैसे एक सूक्ति की तरह है ...
सटीक, स्पष्ट और शब्दों के साथ न्याय करती हुयी ... लक्ष्य को भेद रही है ... आज की वास्तविकता है ...

'एकलव्य' ने कहा…

अर्थपूर्ण तर्क !

Udan Tashtari ने कहा…

शानदार

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बिल्कुल सही कहा कविता जी कि
चूहे के न्याय से बिल्ली का अत्याचार भला
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला। सुंदर प्रस्तुति।

SANDEEP PANWAR ने कहा…

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी

NITU THAKUR ने कहा…

उम्दा
बेहतरीन रचना....हार्दिक बधाई

Onkar ने कहा…

सटीक रचना

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

सही है.

Sudha Devrani ने कहा…

अन्याय पूर्णण शान्ति से अन्याय पूर्ण युद्ध भला.....
वाह!!!!
बहुत ही सटीक....
लाजवाब अभिव्यक्ति

Pammi singh'tripti' ने कहा…

सार्थक रचना..
अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला।

Dr. pratibha sowaty ने कहा…

शानदार

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सतवचन :)

Arun sathi ने कहा…

सत्य वचन ..कडवे बोल

JP Hans ने कहा…

गीदड़ भाग जाते हैं पर बंदरों को डंडे पड़ते हैं
कानून से अधिक उल्लंघन करने वाले मिलते हैं।
अत्यंत सारगर्भित रचना...

Unknown ने कहा…

नव वर्ष की शुभकामनायें.
वर्तमान का हाल और विसंगति पर व्यंग खूब बनता है.
आनंद आया पढ़कर.

Khushboo Kumari ने कहा…

आपने बहुत अच्छी बात कही है।

Sweta sinha ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ दिसंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

Kamini Sinha ने कहा…

सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति ,सादर नमन

Sudha Devrani ने कहा…

वाह!!!
क्या बात...
लाजवाब।