जिसकी रोटी खायी उसके गीत गाने वाले विरले मिलते हैं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 9 दिसंबर 2024

जिसकी रोटी खायी उसके गीत गाने वाले विरले मिलते हैं

जिस धारा का पानी पिया उसे बहुत कम लोग याद रखते हैं
जिसकी रोटी खायी उसके गीत गाने वाले विरले मिलते हैं

जो पेड़ छाया प्रदान करता है उसकी जड़ नहीं काटनी चाहिए
जिस कुएं से पानी लिया हो उसमें पत्थर नहीं फेंकना चाहिए

उस पेड़ के कटने की दुआ मत करो जो सबको धूप से बचाती है
धिक्कार उस मुर्गी को जो इस घर खाकर उस घर अंडे दे आती है

काला कौआ पालोगे तो वह चोंच मारकर तुम्हारी आंख फोड़ देगा
सांप को कितना भी दूध पिला दो फिर भी वह डसना नहीं भूलेगा

गुरु की विद्या उन्हीं पर चला देने वाले बहुतेरे मिलते हैं
गोद में बैठकर आंख में उंगली करने वाले भी रहते हैं

तलवार अपनी म्यान को कभी नहीं काटती है
उपकार की परछाई बहुत लम्बी होती है

एहसान का बोझ सबसे भारी लगता है
मतलबी इंसान से पालतू कुत्ता भला होता है

.....कविता रावत