कलाल की दुकान पर पानी पीओ तो शराब का गुमान होता है
फूलों के कारण माला का धागा भी पावन हो जाता है
अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है
देने वाले का हाथ सदा लेने वाले से ऊँचा रहता है
एक नेक काम के कई दावेदार निकल आते हैं
कुत्तों के संगत में रहे तो पिस्सू चिपट जाते हैं
ऊँट अपनी कूबड़ को कभी नहीं देखता है
पराई थाली में घी ज्यादा दिखाई देता है
जो ऊँट बार-बार मक्का यात्रा करे उसकी टाँग टूट जाती है
दुश्मन के ख़ेमे में फूट पड़े तो उसकी हार निश्चित होती है
... कविता रावत
16 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर जीवनोपयोगी उक्तियों से सजी सुन्दर पोस्ट .
बहुत सुंदर और सार्थक सृजन आदरणीया
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 27 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
लोकोक्तियों का उपयोग कर सृजित की गई बहुत ही सुंदर कविता,दी।
सार्थक और रोचक सृजन।
बढ़िया है :)
सुन्दर सृजन
वाह!!! बहुत बढ़िया, लोकोक्ति का शक्ल लेती रचना!
वाह !लाजवाब लिखा आदरणीय दी ।
सुंदर कविता
सच्चाइयां
अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है
देने वाले का हाथ सदा लेने वाले से ऊँचा रहता है
बहुत सुन्दर
आ कविता जी, नमस्ते ! बहुत सुन्दर उक्तियाँ ! आपका ब्लॉग एड्रेस मैंने अपने ब्लॉग के रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। आप मेरे ब्लॉग "marmagya net "पर मेरी रचनाएँ भी पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं ! सादर ! -- ब्रजेन्द्र नाथ
बहुत सच्ची बात कही कि ''अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है''... बहुत खूब लिखा कविता जी
बेहतरीन और विचारणीय पंक्तियां ।आभार ।
प्रेरक प्रस्तुति
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