काम 1760 फिर भी शादी के लाले पड़े हैं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

काम 1760 फिर भी शादी के लाले पड़े हैं


आज सुबह 7 बजे के लगभग जब मैं नहा-धो, पूजा-पाठ कर किचन में खाना बनाने की जुगत में भिड़ी ही थी कि तभी दरवाजे की घंटी बजी तो मैंने बिटिया को देखने के लिए आवाज दी और अनुमान लगाने लगी कि आखिर इतनी ठण्ड में सुबह-सुबह कौन आया होगा कि बिटिया मेरे पास आकर कान में फुसफुसाई- " अरे मम्मी वही 1760 काम वाले भैया अपनी मम्मी के साथ आए हैं, वही जिनकी शादी नहीं हो पा रही है.... " यह सुनते ही मैंने बिटिया को थोड़ी झिड़की दी कि तू सीधे-सीधे आकर भी तो बता सकती थी कि शैलू भैया अपनी माँ के साथ आये हैं तो वह फ़ौरन बिगड़कर यह बड़बड़ाते हुए दूसरे कमरे में चली गई- "अरे जब देखो वही तो कहते फिरते हैं कि उनके पास टाइम नहीं है 1760 काम हैं। हुँ,देखो! 1760 काम और कमाई-धमाई धेले भर नहीं, तभी तो कोई लड़की नहीं दे रहा है उनको।" अब मैं क्या कहती, मैंने चुप रहना ही उचित समझा। उफ़! ये आजकल के बच्चे भी बिना आगे-पीछे सोचे कितना कुछ कह लेते हैं यह सोचते-सोचते मैं उनके पास पहुँची और मैंने इतनी सुबह-सुबह आने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वे अभी इंदौर लड़की देखने जा रहे हैं और वे मुझे भी साथ ले जाना चाहते हैं तो मैं उनसे बोली- " अरे, ये क्या बात हुई कि रास्ते में देखा लुहार और उसे बोलो लगा धौंकनी। अरे भई पहले बताना चाहिए था न, तैयारी संयारी भी तो करनी पड़ती है कि नहीं?" मेरी यह बात सुन वे दोनों एक साथ तपाक से बोल उठे - "अरे छोड़ो तैयारी संयारी, चलो जैसे हो वैसे ही, ये वही तो लड़की है जिसकी परसों फोटो और बायोडाटा आपने व्हाट्सएप से हमें भेजी थी। आज इंदौर मेें परिचय सम्‍मेलन भी है, वहीं उसे भी देखने में क्या हर्ज है।"
        थोड़ी देर यूँ ही इधर-उधर की बातें चली। हमने भी सोचा रविवार का अवकाश भी है इसलिए हम भी उनके साथ निकल पड़े। इस विषय में दिमाग हमेशा उलझता रहता है कि आजकल अच्छे खासे पढ़े-लिखे होने के बाद भी अच्छी नौकरी और घर परिवार के चक्कर में लड़के-लड़कियों की शादी की उम्र निकलती चली जाती है लेकिन  रिश्ते पक्के नहीं हो पा रहे हैं। फिलहाल आपको बताती चलूँ कि हमारे इस चिर-परिचित शैलू भैया जिसकी उम्र 32 पार हो गई है और जो एम.कॉम, पीजीडीसीए, सीपीसीटी पास हैं, योगा में डिप्लोमा किये हैं, जिनकी अभी चार माह पूूर्व ही सरकारी नौकरी लगी है, फिर भी लड़की नहीं मिल पा रही है या लड़की वाले लड़की देने के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं, जिसके लिए लड़की ढूंढने में हम भी जी-जान लगाने में पीछे नहीं है, जिनका तकिया कलाम 1760 काम हैं मेरे पास.......
... आगे का हाल अगली पोस्ट में....

... कविता रावत