न रहे कोई जात-पात का बंधन
हर घर आँगन में बनी रहे खुशहाली
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
तोड़कर नफरत भरी सब दीवारें
बस एक भाव रहे, वह हो प्रेमबंधन
ऊँच-नीच का भाव मिटे जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
श्रेष्ठता सवर्धन के हों प्रयास
और निकृष्टता का हो उन्मूलन
मिटे संकीर्ण स्वार्थपरता का भाव
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
अन्तःकरण से सदभाव उपजकर
सद्ज्ञान, सदाचरण का हो जतन
मिटे बुद्धिबल, धनबल घमंड जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
उछ्रंखलता उद्धत उदंड न बने कभी
न हो कभी शालीनता का शमन
अवांछनीयता, अनैतिकता न हो हावी
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना
सहयोग, त्याग, उदारता से भर जाय मन
परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
बीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
धरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
Kavita Rawat
हर घर आँगन में बनी रहे खुशहाली
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
तोड़कर नफरत भरी सब दीवारें
बस एक भाव रहे, वह हो प्रेमबंधन
ऊँच-नीच का भाव मिटे जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
श्रेष्ठता सवर्धन के हों प्रयास
और निकृष्टता का हो उन्मूलन
मिटे संकीर्ण स्वार्थपरता का भाव
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
अन्तःकरण से सदभाव उपजकर
सद्ज्ञान, सदाचरण का हो जतन
मिटे बुद्धिबल, धनबल घमंड जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
उछ्रंखलता उद्धत उदंड न बने कभी
न हो कभी शालीनता का शमन
अवांछनीयता, अनैतिकता न हो हावी
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना
सहयोग, त्याग, उदारता से भर जाय मन
परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
बीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
धरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
Kavita Rawat
अन्तःकरण से सदभाव उपजकर
ReplyDeleteसद्ज्ञान, सदाचरण का हो जतन
मिटे बुद्धिबल, धनबल घमंड जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन.
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
आपको नव वर्ष की मंगल कामनाएं...!
--
शुभेच्छु
प्रबल प्रताप सिंह
कानपुर - 208005
उत्तर प्रदेश, भारत
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बहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की मंगल कामनाएं...!
KAVITA JI
ReplyDeleteनमस्कार!
आदत मुस्कुराने की तरफ़ से
से आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
Sanjay Bhaskar
Blog link :-
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
आपको बड़ादिन और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteअन्तःकरण से सदभाव उपजकर
ReplyDeleteसद्ज्ञान, सदाचरण का हो जतन
मिटे बुद्धिबल, धनबल घमंड जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
bahut sunder panktiya .
marry christmas !
मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना
ReplyDeleteसहयोग, त्याग, उदारता से भर जाय मन
परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
........आमीन ! नए वर्ष की शुभकामनायें
अन्तःकरण से सदभाव उपजकर
ReplyDeleteसद्ज्ञान, सदाचरण का हो जतन
मिटे बुद्धिबल, धनबल घमंड जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
और
बीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
धरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
कविता जी बहुत ही सुन्दर ऐर सार्थक सन्देश देती रचना है बहुत बहुत बधाई और नया साल मुबारक हो । बहुत अच्छा लिखती हो आने वाले समय मे बहुत आगे जाओ यही आशीर्वाद है
nice
ReplyDeleteबीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
ReplyDeleteधरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन ....
बहुत ही सुंदर, सार्थक और आशा का संचार और संदेश देती रचना है .........
नव वर्ष . रोशनीले कर आए इसी उमीद के साथ आपको भी नव वश् की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ ..........
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
ReplyDeleteधरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
sundar * * * * *
नए वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ देरी से ही सही मगर क्रिसमस की भी बहुत बहुत शुभकामनाये स्वीकार करे /
ReplyDeleteउछ्रंखलता उद्धत उदंड न बने कभी
ReplyDeleteन हो कभी शालीनता का शमन
काश्
nai urja se bhrpoor yh rchna bahut sundar lgi
ReplyDeleteaapki in ashao ko gti mile inhi shubhkamnao ke sath navvarsh ka abhinandan.
मिटे संकीर्ण स्वार्थपरता का भाव
ReplyDeleteकुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
... सुन्दर अभिनंदन !!!!
सुन्दर रचना. नव वर्ष मंगलमय हो!
ReplyDeleteनया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!
ReplyDeleteसुंदर शब्दों से सजी उत्तम भाव लिए उत्कृष्ट रचना, शुभकामनाएं. आपको तथा पाठकों को नव वर्ष २०१० मंगलमय हो.
ReplyDeleteनए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो
ReplyDeleteस्वस्थ २०१० हो
मंगलमय २०१० हो
पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ
सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहीं
haar pankti asarkari...arth habd snyojan sundar hai..
ReplyDeleteइस खुबसूरत रचना के लिए बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ................
आप को नव वर्ष 2014 की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteकल 02/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगल कामनाएं...!
अति सुन्दर ..
ReplyDeleteबीज सा गलकर फिर बने वृक्ष
धरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन
समभाव दिखे सबको दुःख-सुख
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये :)
खुबसूरत रचना. आपको भी 'नूतनवर्षाभिनंदन'
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 30 दिसम्बर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteआशावादी रचना।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति।बधाई एवं नव वर्ष की शुभकामनाएं।
नव वर्ष के लिए उत्तम भावों से सजी सुंदर प्रार्थना..
ReplyDelete