सब कहे बहू हो तो शैलू की जैसी - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

सब कहे बहू हो तो शैलू की जैसी


एक बेचारा 1760 काम का मारा
इधर-उधर मारा-मारा फिरता है
कोई तो ढूंढों एक सयानी बहू
अक्सर यही कहता रहता है
इस शहर से उस गांव तक
इसको देखा उसको देखा
पर किस्मत उसकी ऐसी
मिल न पाती कोई रेखा
कहता थक-हार गया हूँ मैं
अब व्यथा किसे सुनाऊँ मैं
गोरी-काली सब चलाऊँ
नखरे उसके सब उठाऊँ
पर शर्त यही की हो पढ़ी-लिखी
बताना जरूर यदि कहीं दिखी
परिवार संग घुलमिल रहे वह ऐसी
सब कहे बहू हो तो शैलू की जैसी

... कविता रावत