हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है। - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

रविवार, 28 अप्रैल 2024

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।


हाथ  में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।।

छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर होता है।
जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।।

उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है।
धैर्य से विपत्ति को भी वश में किया जा सकता है।।

धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है।।

....कविता रावत 

44 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है।
धैर्य से विपत्ति को भी वश में किया जा सकता है।।

क्या बात है, बहुत सुंदर..
मुझे वसीम बरेलवी साहब की दो लाइन याद आ रही है..

कौन सी बात, कब, कहां, कैसे कही जाती है,
ये सलीका हो, तो हर बात सुनी जाती है।

PS ने कहा…

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।
..
कविता जी सही फ़रमाया आपने सब्र था तभी अर्जुन मछली की आंख पर निशाना साध पाए ..................
अति सुन्दर ................

Ranjana verma ने कहा…

बहुत सुंदर और मीनिंग फुल पंक्तिया ......

RAJ ने कहा…

आज इस जहाँ में सबकुछ है पर धैर्य नहीं.........
आपकी यह रचना सुन्दर सीख दे रहीं है ..
साधुवाद

Unknown ने कहा…

सही लिखा आपने कविता जी,उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है आभार।

Dr. Shorya ने कहा…

वाह बहुत सुंदर, बिलकुल सार्थक कहा है, यहाँ भी पधारे


रिश्तों का खोखलापन

http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html

vijay ने कहा…

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।।
.................कविता जी बहुत सुन्दर बोल!!!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सही कहा। धैर्य ही सफल जीवन की कुंजी है।

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत बढ़िया ग़ज़ल....
हलके फुल्के अंदाज़ में......

अनु

kunwarji's ने कहा…

हर एक पंक्ति जीवन राह में मार्गदर्शिका बनने के योग्य!
आभार!
कुँवर जी,

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।

वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब गजल ,,

RECENT POST: गुजारिश,

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

बहुत सुन्‍दर रचना आभार
यहॉ भी पधारें
Create anything from 3d printer थ्री डी प्रिन्‍टर से कुछ भी बनाइयें

Guzarish ने कहा…

आपकी रचना कल बुधवार [10-07-2013] को
ब्लॉग प्रसारण पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
सादर
सरिता भाटिया

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

धैर्य ही जीवन को सफल बनाता है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
साझा करने के लिए आभार!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

धैर्य की महिमा को अच्छे से समझाया है आपने

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति ....

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

सूक्तियाँ ग्रहण करने योग्य हैं !

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

शिक्षाप्रद पंक्तियाँ. सच्चे मार्ग पर चलने को चलने को प्रेरित करती हुई.

Maheshwari kaneri ने कहा…

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।...शिक्षाप्रद सुन्दर पंक्तियाँ...

Kailash Sharma ने कहा…

उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है।
धैर्य से विपत्ति को भी वश में किया जा सकता है।।

...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

बहुत बढ़िया।

संजय भास्‍कर ने कहा…

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।।
...................सही लिखा आपने कविता जी

के. सी. मईड़ा ने कहा…

सही कहा आदरणीया आपने....
धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
धैर्य ही सफलता की कुंजी है ..

राज चौहान ने कहा…

आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।

.... उम्दा गजल कविता जी

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

साँस भर विश्वास की,
एक अपरिमित आस की।

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी बातें कही गई हैं।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं ...

सच कहा है ... तभी तो कहते हैं सहज पके सो मीठा होय ... धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय ...
लाजवाब रचना है ...

Unknown ने कहा…

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।।

छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर होता है।
जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।




वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

Ramakant Singh ने कहा…

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।

सार्थक प्रस्तुति

बेनामी ने कहा…

धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है।।

kavita verma ने कहा…

sundar shikshaprad....

poonam ने कहा…

sabr ka fal meetha hota hae

रश्मि शर्मा ने कहा…

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।। बि‍ल्‍कुल सही...

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है।
धैर्य से विपत्ति को भी वश में किया जा सकता है।।

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।--
सार्थक और सुन्दर अभिव्यक्ति!
latest post केदारनाथ में प्रलय (२)

Surya ने कहा…

छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर होता है।
जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।।
बहुत सुंदर और अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति ......

Meenakshi ने कहा…

कविता जी एक से एक बढ़कर सुन्दर सुन्दर प्यारी प्यारी बातें !

उड़ता पंछी ने कहा…

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं ...


sahi kha hai aapne

नई पोस्ट
तेरी ज़रूरत है !!

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

बहुत सुन्‍दर रचना आभार
नवीन लेख
How to keep laptop happy लैपटॉप को खुश कैसे रखें

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

वाह... हर शेर उम्दा... बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

संजय भास्‍कर ने कहा…

कविता दीदी आपकी इस रचना को कविता मंच पर आज साँझा किया गया है


संजय भास्कर
कविता मंच
http://kavita-manch.blogspot.in

Amit Shukla ने कहा…

Nice information

HINDIDARSHAN ने कहा…

nice poem thanks to writer pmegp