बात फूलों के राजा गुलाब की.....जिन्दगी गुलाब सी बनाओ साथियो - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 15 जनवरी 2024

बात फूलों के राजा गुलाब की.....जिन्दगी गुलाब सी बनाओ साथियो


किसी ने गुलाब के बारे में खूब कहा है- “गीत प्रेम-प्यार के ही गाओ साथियो, जिन्दगी गुलाब सी बनाओ साथियो।" फूलों के बारे में अनेक कवियों, गीतकारो और शायरो ने अपने मन के विचारों को व्यक्त किया है, जैसे-  “फूल-फूल से फूला उपवन, फूल गया मेरा नन्दन वन“। “फूल तुम्हे भेजा है खत में, फूल में ही मेरा दिल है“ और “बहारो फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है।“ आदि।  यह सर्वविदित है कि जब भी हम किसी सामाजिक, पारिवारिक या अन्य खुशी के प्रसंग पर अपने प्रियजन से मिलने जाते हैं, तो उन्हें केवल फूल ही भेंट करते हैं, कोई भी व्यक्ति कांटे भेंट नहीं करता। इसीलिए कहा गया है कि अपने दयालु हृदय का ही सुन्दर परिचय देते हुए फूल बोना हमें सीखना चाहिए। फूलों से ही हमें प्यार करना सीखना चाहिए। जब हम फूलों को प्यार करेंगे, स्वीकार करेंगे तो हमारा जीवन भी फूलों की कोमलता, सुन्दरता के साथ ही उनके रंग, सौंदर्य और खुशबू की तरह महकता रहेगा।
बात फूलों की हो और उसमें अगर उनके राजा गुलाब की बात न हो, तो समझो वह बात अधूरी है। संसार में शायद ही कोई व्यक्ति हो, जिसके चेहरे पर इस बेजोड़ फूल को देखकर गुलाबी रंगत न छाये। प्रकृति के इस खूबसूरत रचना को करीब से देखने-समझने के अवसरों की मैं अक्सर तलाश में रहती हूँ। ऐसा ही एक सुअवसर हमें हर वर्ष के जनवरी माह के दूसरे और कभी-कभी तीसरे सप्ताह के शनिवार और रविवार को मिलता है, जब शासकीय गुलाब उद्यान में मध्यप्रदेश रोज सोसायटी और संचालनालय उद्यानिकी की ओर से दो दिवसीय अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों किस्म के गुलाब देखने और समझने का अवसर मिलता है।
अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी देखने के साथ ही यह बताते हुए खुशी है कि आज गुलाब का फूल सिर्फ घर के बाग-बगीचों और किसी को भेंट करने का माध्यम भर नहीं है, बल्कि आज कृषक गुलाब की खेती कर बड़े पैमाने पर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रहे हैं। हमारे मध्यप्रदेश में गुलाब आधारित सुंगन्धित उद्योग एवं खेती संगठित क्षेत्र में पूर्व वर्षों में नहीं की जाती थी, जिसके फलस्वरूप कृषकों को सीमित क्षेत्र में अधिक आमदानी नहीं होती थी। प्रारम्भिक वर्षों में आवश्यक खाद्य पदार्थ जैसे-फल, सब्जी एवं मसाले के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हेतु विशेष प्रयास किये गये, जिसमें आशातीत सफलता नहीं मिली, लेकिन आज कृषक सीमित क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी से फूलों की खेती कर अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनका रूझान फूलों की खेती की ओर बढ़ा है।
भारत में गुलाब की खेती का इतिहास लगभग 5000 वर्ष पुराना है। मोहन जोदड़ो-हड़प्पा आदि जिनका इतिहास 3000 वर्ष पुराना है, तब भी गुलाब की बगियों और गुलाब प्रमियों का उल्लेख मिलता है। धार्मिक ग्रन्थों में भी गुलाब की बगियों और गुलाबों का उल्लेख मिलता है। हिमालय की वादियों से लेकर उत्तर-पूर्व अर्थात् संपूर्ण भारत में गुलाब की खेती होती थी। गुलाब का उपयोग न केवल सौन्दर्यीकरण अपितु चरक-संहिता आदि के अनुसार दवाईयों विशेषकर आयुर्वेद में किया जाता रहा है।  इस प्रकार यह सर्वमान्य है कि गुलाब के प्रति लोगों में अगाध प्रेम की अभिव्यक्ति प्राचीनकाल से ही है तथा तब से ही भारत में सौन्दर्य, प्रेम, शांति, संस्कृति एवं खुशहाली का प्रतीक रहा है, जिसका उल्लेख विशेषकर मुगलकाल में पाया जाता है। 
          आज हमारे देश में गुलाब की लगभग तीन हजार किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें से लगभग 400 किस्में मध्यप्रदेश में उपलब्ध हैं। प्रत्येक किस्म उसके रंग के आधार पर अपनी महत्ता एवं सम्बन्ध का प्रतीक रखती है। एक मात्र गुलाब ही ऐसा पुष्प है, जो अपनी रंगों की सुन्दरता और महक के कारण विशिष्ट स्थान पाकर फूलों का राजा कहलाता है। इस तरह की प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियों का आयोजन शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण स्तर पर भी किए जाने चाहिए, जिससे इस दिशा में कृषकों को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके और वे इसका समुचित लाभ उठा सके।    ....कविता रावत 






34 टिप्‍पणियां:

Anil Kumar Sharma ने कहा…

बहुत ही सुंदर भाव एवं चित्र है रायपुर में भी 14 से 17january को पुष्प एवं फल प्रदर्शिनी का आयोजन गाँधी उद्यान में हुआ था l

बेनामी ने कहा…

"इस तरह की प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियों का आयोजन शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण स्तर पर भी किए जाने चाहिए, जिससे इस दिशा में कृषकों को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके और वे इसका समुचित लाभ उठा सके"

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रोचक और सार्थक जानकारी...इस तरह की प्रदर्शनी अगर सभी शहरों में लगें, तो लोगों का प्रकृति के प्रति लगाव बढेगा...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

गुलाब के बारे में सार्थक जानकारी देती अच्छी पोस्ट

Surya ने कहा…

रोचक जानकारी भी और लाभदायक भी .......

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "मौत का व्यवसायीकरण - ब्लॉग बुलेटिन" , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

umda aalekh :)

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

प्राकृतिक छटा बिखेरती रचना।

RAM LAKHARA ने कहा…

आपकी साहित्यिक चेतना को नमन। बहुत सुंदर।

abhi ने कहा…

इतनी बातें मुझे पता नहीं थी.
तस्वीरें बेहतरीन हैं!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पुष्प प्रकृति के सौन्दर्य का प्रतीक है, सुखमय, जीवनमय।

पम्मी सिंह 'तृप्ति' ने कहा…

Nice ..

पम्मी सिंह 'तृप्ति' ने कहा…

Nice ..

varun mishra ने कहा…

kya khna bhut hi sundar

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बढ़िया जानकारी और बहुत सुंदर चित्र

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

फिर छिड़ी बात, रात फूलों की....सुन्दर-महकती पोस्ट.

Dr. pratibha sowaty ने कहा…

सार्थक लेख , उपयोगी जानकारी , खुबसूरत चित्र / शानदार प्रस्तुति :)

Rajesh Kumar Rai ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति।

Rajesh Kumar Rai ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

कविता जी, बहुत सुंदर चित्र संयोजन एवं वर्णन।

Unknown ने कहा…

Kavita ji Naskar, Jankar bahut khushi huyi hamare uttrakhand ke log har field me itne aage nikal rahe hain. Main bhi uttrakhand se hi hu. or main bhi hindi blogger hu.

Sach me aapke blog pe itne saare logo ke comments dekhkar bahut khushi ho rahi hai ki. Aise hi uttrakhand ka naam aage badhate rahiye.

Mera blog hai : http://www.achhiprerna.com/

Unknown ने कहा…

ati sundar.....

रमता जोगी ने कहा…

सुन्दर।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत रोचक और सार्थक जानकारी..

Satish Saxena ने कहा…

बेहद खूबसूरत ..... मंगलकामनाएं आपको !

दिगम्बर नासवा ने कहा…

गुलाब के बारे में बहुत रोचक और उपयोगी जानकारी ... बहुत विस्तार से विषय को रक्खा है आपने ...

Anil Sahu ने कहा…

बहुत अच्छा.

Amrita Tanmay ने कहा…

मन गुलाबी हुआ ।

बेनामी ने कहा…

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Kamini Sinha ने कहा…

सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (12-1-23} को "कुछ कम तो न था ..."(चर्चा अंक 4634) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा

Meena Bhardwaj ने कहा…

गुलाब के फूलों जैसी सुन्दर पोस्ट ।सुबह सुबह गुलाब के बारे इतना सुन्दर लेख पढ़ कर मन प्रसन्नता से भर उठा ।

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत सुन्दर लेख गुलाब के बारे में ।प्रदर्शनी की वीडियो बहुत ही शानदार ।

Anita ने कहा…

सुंदर चित्रों के साथ रोचक जानकारी