कलाल की दुकान पर पानी पीओ तो शराब का गुमान होता है
फूलों के कारण माला का धागा भी पावन हो जाता है
अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है
देने वाले का हाथ सदा लेने वाले से ऊँचा रहता है
एक नेक काम के कई दावेदार निकल आते हैं
कुत्तों के संगत में रहे तो पिस्सू चिपट जाते हैं
ऊँट अपनी कूबड़ को कभी नहीं देखता है
पराई थाली में घी ज्यादा दिखाई देता है
जो ऊँट बार-बार मक्का यात्रा करे उसकी टाँग टूट जाती है
दुश्मन के ख़ेमे में फूट पड़े तो उसकी हार निश्चित होती है
... कविता रावत
बहुत सुन्दर जीवनोपयोगी उक्तियों से सजी सुन्दर पोस्ट .
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सार्थक सृजन आदरणीया
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 27 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteलोकोक्तियों का उपयोग कर सृजित की गई बहुत ही सुंदर कविता,दी।
ReplyDeleteसार्थक और रोचक सृजन।
ReplyDeleteबढ़िया है :)
ReplyDeleteसुन्दर सृजन
ReplyDeleteसादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (२८-७-२०२०) को
"माटी के लाल" (चर्चा अंक 3776) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है
वाह!!! बहुत बढ़िया, लोकोक्ति का शक्ल लेती रचना!
ReplyDeleteवाह !लाजवाब लिखा आदरणीय दी ।
ReplyDeleteसुंदर कविता
ReplyDeleteसच्चाइयां
ReplyDeleteअच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है
ReplyDeleteदेने वाले का हाथ सदा लेने वाले से ऊँचा रहता है
बहुत सुन्दर
आ कविता जी, नमस्ते ! बहुत सुन्दर उक्तियाँ ! आपका ब्लॉग एड्रेस मैंने अपने ब्लॉग के रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। आप मेरे ब्लॉग "marmagya net "पर मेरी रचनाएँ भी पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं ! सादर ! -- ब्रजेन्द्र नाथ
ReplyDeleteबहुत सच्ची बात कही कि ''अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होता है''... बहुत खूब लिखा कविता जी
ReplyDeleteबेहतरीन और विचारणीय पंक्तियां ।आभार ।
ReplyDeleteप्रेरक प्रस्तुति
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