जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है
तभी वह बूढ़ा होने लगता है
बुढ़ापा मनुष्य के चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं
जितनी उसके मन पर डाल देता है
अनुभव से बुद्धिमत्ता और कष्ट से अनुभव प्राप्त होता है
बुद्धिमान दूसरों की लेकिन मूर्ख अपनी हानि से सीखता है
जिसे सहन करना कठिन था उसे याद कर बड़ा सुख मिलता है
सुख दुर्लभ है इसीलिए उसे पाकर बड़ा आनन्द आता है
भाग्य विपरीत हो तो शहद चाटने से भी दांत टूट जाते हैं
जब शेर पिंजरे में बन्द हो तो कुत्ते भी उसे नीचा दिखाते हैं
...कविता रावत
18 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 19 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
Very Nice your all post. I Love it.
फ़्लर्ट शायरी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, कविता दी।
वाह!!!!
बहुत ही लाजवाब....।
सत्य को सन्दर्भित करती अनोखी रचना..
सच है।
बेहतरीन रचना आदरणीया
बहुत ही प्रभावशाली चिंतन - - नमन सह।
सत्य को बखूबी उजागर करती यथार्थपरक पंक्तियाँ। ।।। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया कविता रावत जी।
सार्थक संदेशयुक्त प्रेरक कथा 🌹🙏🌹
सच कहा आपने...बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर
भाग्य विपरीत हो तो शहद चाटने से भी दांत टूट जाते हैं :)
ऐसी ही एक कहावत बंगाल में भी है कि भाग्य खराब हो तो उन्नत पर बैठे हुए को भी कुत्ता काट खाता है
सत्य वचन।
सुंदर रचना कविता जी।
सादर।
जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है
तभी वह बूढ़ा होने लगता है
प्रभावी, विचारोतेज्जक पंक्तियाँ.....
हर बात कितनी गहरी ... सत्य के कितनी करीब ...
सच है शेर पिंजरे में हो तो कोई भी भौंक सकता है ... बहुत लाजवाब लिखा है ...
Bahut
Balkul Hi Satya hai
बहुत खूब कविता जी, आपने बहुत खूबसूरती से बताया कि समय बड़ा बलवान...
बहुत सुन्दर लिखा कविता जी आपने
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