सर्दी में सबको प्यारी लगती धूप
देखो बिल्ली मौसी क्या पसरी खूब!
धूप में छिपा है इसकी सेहत का राज
बड़े मजे में है मत जाना उसके पास
बिना धूप ठण्ड के मारे सभी थरथर्राते
मिलती जैसे ही धूप तो फूले न समाते
नरम धूप लेकर सूरज उगा लोग सुगबुगाते
छोड़ कम्बल-रजाई धूप सेंकने चले आते
सुबह की धूप ठंड में सबको खूब है भाती
सीख समभाव का देकर सबके मन लुभाती
...कविता रावत
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (31-01-2021) को "कंकड़ देते कष्ट" (चर्चा अंक- 3963) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 30 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteकविता जी, आपकी यह कविता केवल बालकों के लिए ही नहीं है; सभी के लिए है । निस्संदेह प्रशंसनीय । और साथ दिया गया धूप सेंकती बिल्ली का चित्र भी आंखों को भाने वाला है ।
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ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
31/01/2021 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
सर्दी की गुनगुनी धूप-सी मीठी कविता!
ReplyDeleteगुनगुनाती धूप हर किसी को प्यारी लगती है। सुंदर रचना।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत प्यारी ,सर्दी में धूप सी चमकती मन मोहती बाल कविता..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteगुनगुनी धुप का अपना ही मज़ा है। पर अब दूसरों को मजे लेते देख इसके तेवर भी तीखे होने लगे हैं
ReplyDeleteसर्दी में सबको प्यारी लगती धूप-------अच्छी रचना, बधाई आपको।
ReplyDeleteबहुत प्यारा सा बालगीत...
ReplyDeleteसाधुवाद !
वाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर
सुंदर सृजन।
ReplyDeleteमनमोहक गीत ।
ReplyDeleteNice Information Thanks For Sharing
ReplyDeleteगुनगुनी धूप-सी मीठी कविता...सुंदर सृजन
ReplyDeleteगुनगुनाती धूप सर्दियों की ... बहुत सुन्दर रचना बाल रचना की तरह ...
ReplyDeleteखूब बधाई।
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