सर्दी में सबको प्यारी लगती धूप
देखो बिल्ली मौसी क्या पसरी खूब!
धूप में छिपा है इसकी सेहत का राज
बड़े मजे में है मत जाना उसके पास
बिना धूप ठण्ड के मारे सभी थरथर्राते
मिलती जैसे ही धूप तो फूले न समाते
नरम धूप लेकर सूरज उगा लोग सुगबुगाते
छोड़ कम्बल-रजाई धूप सेंकने चले आते
सुबह की धूप ठंड में सबको खूब है भाती
सीख समभाव का देकर सबके मन लुभाती
...कविता रावत