उन एकदंत गजानन का, नित जाप करो ध्यान धरो
जो प्रथम पूज्य गणराज, निर्विघ्न करते सब काज
उन एकदंत गजानन का, नित जाप करो ध्यान धरो
नित जाप करो ध्यान धरो।
जिनका श्वेत तन वसन, जो सुशोभित रत्न सिंहासन
कर पाश अंकुश कमल धरते, सिर जिनके चन्द्रमा रहते
जो हैं क्षीरसमुद्र तट, श्वेत फूल चन्दन रत्नदीप पूजित
देव मनुज प्रथम पूजा करते , जो सदा लक्ष्मी संग रहते
उन प्रसन्नप्रभु गणेशजी का, नित जाप करो ध्यान धरो
नित जाप करो ध्यान धरो।
लाल कमल सम देह आभा, देवगण के जो राजा
सकल जगत करे वंदन, जो जग सृष्टि के कारन
जो सबके विघ्न हरते, शिव पार्वती नंदन कहलाते
उन विघ्नविनाशक गणेशजी का, नित जाप करो ध्यान धरो
नित जाप करो ध्यान धरो।
... कविता रावत
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