चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 23 नवंबर 2024

चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे


जिसे कहते हैं फर्ज या
रिश्ते निभाना
आजकल यह सब
आखिर कौन निभा रहा है
देखो तो जरा अपने आस पास
बस ढोह रहे हैं एक दूसरे को
चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे
देखो तो कितनों के पैरों में अपनी ताकत है?
फिर भी अकड़ ऐसी
कि मुर्दा भी शर्मसार हो जाय
एक दूजे की पूंछ पकड़े
इतराते इठलाते
सरपट भाग रहे हैं
एक दूसरे के पीछे पीछे
दुम दबाते हुए

... Kavita Rawat