कैसे तुझको प्यार करूँ - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

कैसे तुझको प्यार करूँ

विवशता देखो इस पागल मन की
कहता दूर नहीं हरदम तेरे करीब रहूँ
समझ न आता राज प्यार का
कैसे तुझको प्यार करूँ

देख तेरी प्यार भरी निगाहें
दिल तुझमें डूबने लगता
इतना प्यार भरा है दिल में
बरबस ही खिंचा चला आता
चाहती हैं निगाहें तुझमें डूबी रहे
बेबस निगाहें कैसे रोक पाऊँ
समझ न आता राज प्यार का
कैसे तुझको प्यार करूँ

एकपल की दूरी भी अखरती
जब दर्द प्यार का रह-रहकर उठता
जितनी भी दूरी बनानी चाही
उतना ही प्यार भरा दर्द बढ़ता
ये मीठा दर्द और ये ख्याल दूरी का
नासमझ दिल कैसे इसे समझाऊँ
समझ न आता राज प्यार का
कैसे तुझको प्यार करूँ

तारे गिन-गिन कटती रातें
तुझे देख मन का सूरज उगता
दिनभर नाचे मन-मयूर इधर-उधर
शाम ढले जाने कहाँं छिपता 
न दिल न मन रहता पास
अब तुम्हीं बताओ कैसे खबरदार रहूँ
समझ न आता राज प्यार का
कैसे तुझको प्यार करूँ

सुखद अहसास तेरे मिलन का
अच्छा लगता प्यार में खो जाना
कैसा प्यार जो बना देता पागल
पागलपन में दिल का खुश होना
मिला प्यार बन गया तराना
फिर दुनिया से मैं क्यों  डरूँ
समझ न आता राज प्यार का
कैसे तुझको प्यार करूँ
...........कविता रावत

कभी प्यार में ऐसे ही जाने कितने ही मन में ख्याल उमड़-घुमड़कर बरसते रहते। अब तो घर-परिवार के बीच बमुश्किल कुछ विशेष अवसरों पर ही कभी-कभार  उन दिनों की यादें ताज़ी कर खुश होने के दिन हाथ लगते  हैं। आज ऐसा ही एक अवसर है मेरे हमसफ़र के जन्मदिन का आया है तो, उन बीतें प्यार भरे लम्हों की यादें ताज़ी करने का मन हुआ है।  



19 टिप्‍पणियां:

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! अनुराग की अद्भुत रागिनी!! बधाई और आभार!!!

Unknown ने कहा…

विशेष अवसरों पर प्रेम पातियाँ अपने रंग में रंग ही देती हैं
अति सुन्दर, बहुत बधाई!

बेनामी ने कहा…

super

Nitish Tiwary ने कहा…

sundar rachna. mere blog par bhi aaiye
http://iwillrocknow.blogspot.in/

Jyoti Dehliwal ने कहा…

प्यार से ओतप्रोत बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

'एकलव्य' ने कहा…


आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०५ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

Sweta sinha ने कहा…

बैहद खूबसूरत.. रचना कविता दी👌💐

Lokesh Nashine ने कहा…

बहुत सुंदर

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' ने कहा…

आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/55.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता। सादर बधाई।

Shakuntla ने कहा…

बहुत ही प्यार से भरी प्यारी रचना

Shakuntla ने कहा…

बहुत ही प्यार से भरी प्यारी रचना

रेणु ने कहा…

अनुरागी मन का सरस गान !!!!!! अनुपम भावों से भरी सुंदर रचना | सादर -----

Jyoti khare ने कहा…

वाकई प्रेम में मन पागल हो जाता है
शाश्वत प्रेम की शाश्वत अनुभूति
बहुत सुंदर रचना
सादर

Amit Agarwal ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता, कविता जी!

Atoot bandhan ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति

तकनीक द्रष्टा ने कहा…

अत्यंत ही मन भावना प्रस्तुति!

Vinay Prajapati ने कहा…

अत्यंत ही प्यारी कविता!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण उर प्रेममय रचना ...
अनेक बार मन के भाव रचना को स्वाभाविक बना देते हैं ...