Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona: अपना-पराया दर्द
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।
अपना-पराया दर्द लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अपना-पराया दर्द लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 1 सितंबर 2018

भरे पेट भुखमरी के दर्द को कौन समझता है

सितंबर 01, 2018 17
पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है पर अपने दिल क...
और पढ़ें>>