चल पड़ी है गाड़ी आजकल उनके प्यार की - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

चल पड़ी है गाड़ी आजकल उनके प्यार की

आज वैवाहिक जीवन की 23वीं वर्षगांठ पर पहले पहल प्यार में गुजरे प्रेम पातियों में से निकली एक पाती प्रस्तुत है-  

चल पड़ी है गाड़ी आजकल
उनके प्यार की
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इंतजार की

रोम-रोम पुलकित हो उठते
जब भी बजती घंटी
झनक उठते दिलतार
डूबे मन प्यार में सोच-सोच कर
आतुर धड़कने बढ़ती बार-बार
यूं कब दिन बीत जाता एक दूजे में
लगता हैं आई घड़ी बहार की
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इन्तजार की

कब परवाह प्यार में दुनिया की
जब चढ़ जाता जुनूं प्यार का
मिलकर ही सुकूं मिलता तब दिल को
बीते नहीं बीतता समय इंतजार का
छलक उठता सागर आंखों में
यदि गूंजा शब्द कभी इंकार का
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इन्तजार की
           .........कविता रावत