गर्मियों में सुबह-सुबह घूमने-फिरने से दिन भर शरीर में ताजगी बनी रहती हैं। इस दौरान घूमते-फिरते मुफ्त में यदि कुछ प्रोटीन, वसा, कार्बोहैड्रेट, केल्शियम, फास्फोरस, लौह, थायामिन, रिबोफ्लेविन आदि तत्वों से भरपूर खाने को मिले तो क्या कोई इसे यूँ ही छोड़ देगा? नहीं न? लेकिन आप गलत सोच रहे हैं जानकारी के अभाव में हम से अधिकाँश लोग कई सुलभ चीजों को यूँ ही बड़े हल्के में लेते हुए छोड़ या नज़रअंदाज कर देते हैं या फिर इसके लिए थोड़ी मेहनत मशकत देखकर आगे बढ़ लेते हैं। बचपन में माँ लग्गी लेकर घर के आस-पास लगे जंगल जलेबी के पेड़ों से खूब फल तोड़कर खिलाती थी, तो खा-खा उकता जाते थे। तब पता न था कि ये स्वास्थ्य के लिए कितने गुणकारी हैं, वह तो अब जब बड़े से बूढ़े हो रहे हैं तब इसकी उपयोगिता समझ आ रही है। आज मैं आपको ऐसे ही एक फलदार पेड़ जंगल जलेबी के बारे में बताने जा रही हूँ। यह कंटीली झाड़ी नुमा वाला पेड़ होता है, जिसे कई लोग विलायती इमली, गंगा जलेबी या फिर किकर नाम से भी जानते हैं। यह पेड़ आपको गांव हो या शहर सब जगह सहज रूप से सड़क किनारे हो या छोटे-बड़े बाग़-बगीचे या जंगल में सहज रूप में मिल जाएगा। हमें अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे लगाने में बड़ा शौक है। इन्हें पालते-बढ़ते और फलते-फूलते देखकर जो ख़ुशी, सुकून मिलता है, उसे शब्दों में व्यक्त करना सरल नहीं है। ऐसे ही आज से चार वर्ष पूर्व हमने सुबह-सुबह धूमते-घामते सड़क किनारे और अपने बगीचे की बॉउंड्री में कुछ जंगल जलेबी के बीज बोये थे, जो इन चार वर्ष में पेड़ की शक्ल में हमारे सामने होते हैं तो मन को बड़ी ख़ुशी मिलती है। गर्मियों में इनमें खूब जंगल जलेबी आती है, जिनसे हमें ही नहीं, अपितु घूमने-फिरने वालों को भी पौष्टिक फल मुफ्त में खाने को मिल जाते हैं। इन पेड़ों से छोटे-छोटे कांटे होते हैं जिनसे बग़ीचे की सुरक्षा होती है। आजकल गर्मी में इसके मटर जैसे सूखे फल खाने में बड़ा मजा आ रहा है। हाँ, यह बात अलग है कि यह मटर जैसा होता है, लेकिन आकार में जलेबी की तरह गोल होता है, जो पहले हरा और फिर पकने के बाद लाल हो जाता है। इसके बीज से लिपटे सफ़ेद भाग को खाया जाता है, जो भरपूर पौष्टिक तत्वों से भरा होता है। बावजूद इसके बहुत से लोग जानकारी और इस काँटों भरे पेड़ को देखकर इससे बच निकलने में ही अपनी भलाई समझते हैं, जबकि वे नहीं जानते कि यह हमारे लिए कितना स्वास्थ्यवर्धक है। आयुर्वेद में इसकी छाल के काढे से पेचिश का इलाज, त्वचा रोग, मधुमेह और आँख के जलन में प्रयोग करने का उल्लेख मिलता है। इसकी पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम करती है तो लकड़ी का उपयोग इमारती लकड़ी की तरह किया जा सकता है।
आप भी देखिए सड़क, बाग़-बगीचे, जंगल या सड़क किनारे घूमते-फिरते जंगल जलेबी या विलायती इमली या गंगा जलेबी या फिर किकर नाम के इस पेड़ को और इसके पौष्टिक फलों का सेवन कीजिये और फिर कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिख भेजिए। .
...कविता रावत