अलविदा 2010 : भूली-बिसरी यादें - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

सोमवार, 27 दिसंबर 2010

अलविदा 2010 : भूली-बिसरी यादें

वर्ष २०१० को अलविदा करने और नए वर्ष के आगमन के जोर-शोर के बीच भूली-बिसरी यादों का चलचित्र जेहन में उभरने लगा है. मैं समझती हूँ कि हर वर्षारम्भ और वर्षांत तक के सफ़र में न जाने कितने ही व्यक्तिगत व सामाजिक खट्टे-मीठे, कडुवे अनुभवों के बीच साल कैसा गुजरा; इस लेखे-जोखे को हर आदमी कम से कम एक बार जरुर टटोलने के कोशिश करता है. एक और जहाँ बीता वर्ष जिनकी जिंदगी में खुशगवार गुजरा वे नई ऊर्जा, उमंग-तरंग के साथ नए वर्ष के स्वागत के लिए पलक बिछाए आतुर-व्याकुल दिखते हैं, वहीँ दूसरी और बहुत से लोग अप्रत्याशित घटनाओं/दुर्घटनाओं से आहत बुझे मन से शांतचित भाव से नए साल की शुभकामना के निमित्त अपने-अपने ईष्ट देव से प्रार्थना करते नज़र आते हैं.
        मैं भी जब वर्ष २०१० के परिदृश्य में अपने आपको झांकती हूँ तो देखती हूँ कि किस तरह वर्ष की शुरुआत ही मेरे लिए दु:खद क्षणों से शुरू होकर अंत तक बनी रही. ३० दिसम्बर २००९ को जब लोग नए साल की स्वागत की तैयारी में मग्न थे, मैं पहले सर्दी-जुकाम और फिर श्वास की परेशानी के वजह के चलते अस्पताल में भर्ती होकर स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी की आशंका के चलते मशीनी श्वास लेकर जी रही थी. एक अजीब सी स्थिति बन पड़ी थी. नया साल कब शुरू हुआ इसकी भनक 4 जनवरी को स्वाइन फ्लू की नेगटिव रिपोर्ट के आने पर डॉक्टर ने नए वर्ष की शुभकामना के रूप में दी. नाते-रिश्तों और परिचितों ने भी नए साल की वजाय सकुशल घर वापस आने की शुभकामना दी तो सच में लगा कि नया वर्ष आ गया है. अभी कुछ दिन ठीक ठाक चल ही रहा था कि एक के बाद अपने ७ निकट सम्बन्धियों को अपने से सदा-सदा के लिए दूर जाते देख जीवन की नश्वरता पर अमिट प्रश्नचिन्ह लगाते हुए गहरे जख्म दे गया. ऊपर वाले की मर्जी के आगे इंसान कितना बेवस है, यह देखते हुए मन बहुत व्यथित होता है, विशेषकर जब जाने वाला तो चला जाता है लेकिन जिन्दा रहने वालों को जीते जी नरक के समान जीने के लिए मजबूर कर देता है! खैर अपने मन को यह सोचकर तसल्ली देनी ही पड़ती हैं कि शायद इसी का नाम जिंदगी है.

        अपने ब्लोग्गर्स व सुधि पाठकों से यही अपेक्षा करती हूँ कि उनका जिस तरह से वर्ष २०१० में मेरे प्रति स्नेह, आशीर्वाद बना रहा जिसके कारण मैं ब्लॉग पर निरंतर लिखने के लिए प्रेरित होती रही हूँ, वही स्नेह, आशीर्वाद बनायें रखें. आप सभी के लिए वर्ष २०११ मंगलमय हो, यही सबके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं.


चलते-चलते मेरा ये शायराना अंदाजे-बयां कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में जरूर लिखकर बताना न भूले 

कुछ लोग कहते हैं कि वह कुछ भी काम नहीं करता
फिर भी जाने क्यों लोगों से वह हरदम घिरा रहता है
मैं कहती हूँ कि कुछ न कुछ बात छुपी होगी उसमें
वर्ना यूँ ही आजकल कहाँ कोई किसी को पूछता है !

वे छुपाते हैं राज-ए-जिंदगी दुनियावालों से
जो हरदम दुनिया की नजरों में रहते हैं
गर वे रखते हैं दुनिया वालों की खबर
तो ये दुनिया वाले भी कहाँ बेखबर होते हैं!

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

बात बाहर निकलती है तो जरुर फैलती है
लाख पर्दों में छुपाओ तो भी नहीं छुपती है
गर उठा जहाँ धुआं वहाँ आग जरुर होती है!
   
      ......कविता रावत

56 टिप्‍पणियां:

समय चक्र ने कहा…

बढ़िया संस्मरण...नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं ...और बधाई स्वीकार करें ...

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

नव वर्ष-२०११ की बधाइयाँ..आपने तो बहुत अच्छा लिखा.

______________________
'पाखी की दुनिया' में "तन्वी आज दो माह की.."

रश्मि प्रभा... ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!
bite aur aate varsh ko jivant kar diya
shubhkamnayen

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

आपका शायराना अंदाज बहुत बढ़िया लगा. अच्छा संस्मरण...नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकार करें.
फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी

रमिया काकी

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!


kya kahne hain aapke...:)
isliye to main bhi haath-pait tudwa kar bed tod raha hoon:)

Sunil Kumar ने कहा…

अच्छा संस्मरण...नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकार करें.

सुज्ञ ने कहा…

अच्छा संस्मरण प्रस्तूत किया।
नववर्ष २०११ की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं॥ संकल्प सिद्ध हों।

JAGDISH BALI ने कहा…

Superb write up to welcome the new Year. Wish U a hilarious new Year.

Kailash Sharma ने कहा…

सुन्दर संस्मरण ....नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

अच्छा संस्मरण आपने प्रस्तुत किया ,जहां तक मुझे याद है गत वर्ष में आपने काफी परेशानियों का सामना किय है ,जैसा की आप स्वयं भी मानते है की "ये जीवन है " इसके बावजूद भी उम्मीद तो यही की जानी चाहिए की.........
" रात की तीरगी से न मायूस हो ,रोशनी का सितारा नजर आयेगा "............ उज्जवल भविष्य की शुभ कामनाओं के साथ आपको स:परिवार नूतन वर्ष ढेरों बधाइयाँ .

vijay ने कहा…

वे छुपाते हैं राज-ए-जिंदगी दुनियावालों से
जो हरदम दुनिया की नजरों में रहते हैं
गर वे रखते हैं दुनिया वालों की खबर
तो ये दुनिया वाले भी कहाँ बेखबर होते हैं!
..आपका शायराना अंदाज बहुत बढ़िया लगा.
नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं

pratibha ने कहा…

कुछ लोग कहते हैं कि वह कुछ भी काम नहीं करता
फिर भी जाने क्यों लोगों से वह हरदम घिरा रहता है
मैं कहती हूँ कि कुछ न कुछ बात छुपी होगी उसमें
वर्ना यूँ ही आजकल कहाँ कोई किसी को पूछता है !
..bina matlab koi aajkal kahan kisi ko yun hi puchhta hai... aaj aapka yah shyarana andanj bahut bhaa gaya.....
yun hi likhte rahen aap isi ke saath naye varsh kee shubhkamnayne...

Sushil Bakliwal ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

नववर्ष की हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएँ स्वीकार करें...

शूरवीर रावत ने कहा…

लगभग सत्तर पोस्ट और 261 फोल्लोवेर्स के साथ आप ब्लॉग पर अपना लोहा मनवा रही हो, यही क्या कम है कविता जी ? .....और मुझे blog की दुनिया में आये जुमा-जुमा चार महीने हुए हैं, इसलिए कुछ कहूँगा तो "छोटा मुहं बड़ी बात" हो जायेगी न कविता जी! ........... फिर भी इतना कहूँगा कि (चाहे आप बुरा मान लें ) आप सादगी और सपाट शब्दों में जो भी कहती हो वह दिल की अतल गहराईयों से निकले हुए वाक्य होते हैं. और वह पाठकों (ब्लोगेर्स ) के दिल को छूते हैं, उनकी अपनी पीड़ा होती है, बस!........आप लिखती रहें, यही कामना है......... नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ...............

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

आपकी पोस्ट का हर हिस्सा गुज़रे साल के मौसम की तरह ख़ुशगवार है.. और आख़िर में गुनगुनी सी कविता/शायरी!!
आपको यह कहने की आवश्यकता नहीं कि लोग आपके साथ साथ हैं..

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर संस्मरण, धन्यवाद

मनोज कुमार ने कहा…

इस संस्मरण में सूक्ष्म दृष्टि डाली है आपने।

केवल राम ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
कविता जी
पूरे जीवन दर्शन को समाहित कर दिया इन पंक्तियों में ........अलविदा 2010 को स्वागत 2011 का ...शुक्रिया

Mrityunjay Kumar Rai ने कहा…

ससुंदर और मोहक फ्लैश बेक

Unknown ने कहा…

नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं!
वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

ZEAL ने कहा…

आपका शायराना अंदाज़ बेहद पसंद आया। नए वर्ष पर आपको एवं आपके परिवार को ढेर सारी मंगल कामनाएं।

rashmi ravija ने कहा…

Bahut hi rochak aalekh...badi hi baariki se avlokan kiya hai...badhiya post

सदा ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति और यह पंक्तियां तो लाजवाब ...नव वर्ष पर ढेर सारी शुभकामनाये ।

rajesh singh kshatri ने कहा…

Bahut Khubsurat.

एस एम् मासूम ने कहा…

कुछ लोग कहते हैं कि वह कुछ भी काम नहीं करता
फिर भी जाने क्यों लोगों से वह हरदम घिरा रहता है
मैं कहती हूँ कि कुछ न कुछ बात छुपी होगी उसमें
वर्ना यूँ ही आजकल कहाँ कोई किसी को पूछता है
.
wah

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

आपके ब्लॉग पर पहली बार प्रतिक्रिया देना इसलिए नहीं कि आप भी मेरे ब्लॉग पर आयी . कई दिन से ब्लॉग देख रहा था पर पढने का समय कम ही मिलता है इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ

संस्मरण कि प्रस्तुति से मोहन राकेश कि याद आने लगी . नव वर्ष कि हार्दिक शुभकामनाये पूरे परिवार के साथ स्वीकार कीजियेगा

Arvind Mishra ने कहा…

मेरी शुभकामनाएं की वर्ष २०११ आपके लिए बहुत शुभ हो और बीते वर्ष के घावों को हमेशा के लिए भुला दे !

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

गर उठा जहाँ धुआं वहाँ आग जरुर होती है!
सही कहा जहां धुआं उठा है वहां आग जरूर होगी। हर साल यूं ही कुछ खट्टी-मीठी यादों के साथ खत्म होता है। आपको नव वर्ष की शुभकामनाएं....

Sujata ने कहा…

संस्मरण बहुत अच्छा लगा।
आपको भी नववर्ष-2011 की अशेष शुभकामनाएं।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बीत गया जो बीत गया,
आमन्त्रित है वर्ष नया।

बेनामी ने कहा…

वे छुपाते हैं राज-ए-जिंदगी दुनियावालों से
जो हरदम दुनिया की नजरों में रहते हैं
गर वे रखते हैं दुनिया वालों की खबर
तो ये दुनिया वाले भी कहाँ बेखबर होते हैं!

वाह! लाजवाब! ये अंदाज भी आपका बहुत भाया!
बिलकुल सही कहा आपने आज लोगों को अपनी खबर हो न हो लेकिन दुनिया की खबर जरुर होती है और जो बेखबर होते है उनकी तो ये दुनिया समय आने पर अच्छी खबर ले लेती है ..

और
वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!
सच्ची बहादुरी मैदान में आमने सामने ही होती है .... बहुत खूब कहा आपने!!

मैं आपकी ब्लॉग पोस्ट जरुर पढता हूँ और मैं बहुत सारे नामचीन लेखकों के ब्लॉग भी पढता हूँ, लेकिन बहुत से अच्छे समझे जाने वाले लेखकों का यही रोना है कि ब्लॉग पर अच्छा नहीं लिखा जा रहा है? वे यह तो कहते हैं लेकिन खुद वे यह नहीं बताते हैं या लिखते हैं कि अच्छा किसे कहते हैं? उनके ब्लॉग पर न तो बहुत फोल्लोवेर्स दिखते हैं और नहीं कमेन्ट ही देखने को मिलते हैं इससे साफ़ जाहिर होता है कि वे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे जैसी स्थति में जीते है और उसी हड़बड़ी में ब्लॉग पर जबरदस्ती कुछ भी अपनी बौद्धिकता दिखने के लिए लिख छोड़ देते हैं ...
आपका ब्लॉग पर मुझे जो बहुत सहजता मिली वह आमजन के बीच का लेखन हैं जो सीधे मर्म को छूता है और लगता है कि अरे यह तो जैसे मेरे लिए ही लिखा है, मेरे हिसाब से यही तो लेखन की सार्थकता है, ढेर सारे किताबें लिखने वाले को अपनी कौन से किताब में जब क्या लिखा है और किसके लिए लिखा है यह ही नहीं पता तो, वह क्या आम लोगों के लिए लिख पायेगा ....
आपके ब्लॉग पर मैंने देखा कि २६१ फोल्लोवेर्स से साथ आपने महज १ साल ५ माह सिर्फ ६१-६२ पोस्ट के जरिये अपनी लेखनी का लोहा मनवा लिया, विविध विषय पर अनूठे अंदाज में आपकी लेखनी चली है, जिसके परिणामस्वरूप आज गूगल सर्च में आपका नाम कवितारावत नाम लिख देने से ही आपका ब्लॉग सबसे ऊपर आ चूका है, यह बात शायद आपको मालुम होगी...
चलिए साल के आखिरी दिन हैं और नया साल आने वाला है इसलिए कुछ ज्यादा मूड लिखने का बन गया, सोचता हूँ काश में भी ब्लॉग बनाकर कुछ आप जैसा लिख पाता!
अब नए साल में आप कहानी, नाटक, गजल आदि पर भी लिखकर ब्लॉग पर पोस्ट करें तो सच में बहुत मजा आ जायेगा,
आपका ब्लॉग और आपका घर परिवार खुशहाल बना रहे और कोई मुसीबत न आये यही मेरी नए साल की शुभकामना है...

Surya ने कहा…

बात बाहर निकलती है तो जरुर फैलती है
लाख पर्दों में छुपाओ तो भी नहीं छुपती है
गर उठा जहाँ धुआं वहाँ आग जरुर होती है!

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

शायरी का क्या कहना जी!

कविता जी!
फेसबुक की मित्रता स्वीकार करने के लिए धन्यवाद
फेसबुक की प्रोफाइल में ब्लॉग लिंक देखकर आया हूँ. ब्लॉग पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई,, अभी कुछ ही पोस्ट पढ़ी हैं लेकिन उन्हें पढने के बाद लगता है बार-बार पोस्ट पढने आना पड़ेगा, प्रभावपूर्ण ढंग से लिखते हैं.....खूब लिखते रहना और निरंतर आगे बढ़ते रहना यही हमारे आपको नए साल की शुभकामनायें हैं.....आता रहूँगा ब्लॉग पढने.... सादर नमस्कार

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

बात बाहर निकलती है तो जरुर फैलती है
लाख पर्दों में छुपाओ तो भी नहीं छुपती है
गर उठा जहाँ धुआं वहाँ आग जरुर होती है!

बिल्कुल सही बात, बहुत सुंदर शायरी है। ।
........

आलेख मार्मिक है, पढ़कर मन द्रवित हो गया।

Shabad shabad ने कहा…

उम्दा पोस्ट !
सुन्दर प्रस्तुति..
नव वर्ष(2011) की शुभकामनाएँ !

Unknown ने कहा…

नव वर्ष के आगमन पर आपको पुरे परिवार सहित बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ |

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

आपके जीवन में बारबार खुशियों का भानु उदय हो ।
नववर्ष 2011 बन्धुवर, ऐसा मंगलमय हो ।
very very happy NEW YEAR 2011
आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |
satguru-satykikhoj.blogspot.com

Dolly ने कहा…

वे छुपाते हैं राज-ए-जिंदगी दुनियावालों से
जो हरदम दुनिया की नजरों में रहते हैं
गर वे रखते हैं दुनिया वालों की खबर
तो ये दुनिया वाले भी कहाँ बेखबर होते हैं!

बात बाहर निकलती है तो जरुर फैलती है
लाख पर्दों में छुपाओ तो भी नहीं छुपती है
गर उठा जहाँ धुआं वहाँ आग जरुर होती है!

लाजवाब शायरी....

एक अलग अंदाज में आज आपकी पोस्ट पढने को मिली.. यूँ ही ब्लॉग पर नए साल में भी बहुत अच्छा अच्छा पढने को मिले इन्ही शुभेच्छाओं के साथ नए साल की आपको सपरिवार बहुत सारी हार्दिक शुभकामनायें ...

shailendra ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

बेहतरीन .....
शायरी का नया अंदाज लाजवाब लगा....
नए साल की आपको और आपके परिवार को ढेर सारी शुभकामना...

Aruna ने कहा…

वे हारकर भी कहाँ हारे जो रंग दे सबको अपने रंग में
कुशल घुड़सवार भी तो गिर जाते हैं मैदान-ए-जंग में!

लाजवाब .....
नए साल की आपको और आपके परिवार को ढेर सारी शुभकामना...

Pradeep ने कहा…

कविता जी प्रणाम !
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें .....मंगलकामनाओ के लिए धन्यवाद ..........

लोकेन्द्र सिंह ने कहा…

कविता पसंद आई... आपको २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं। नववर्ष तो मैं चैत्र की प्रतिपदा पर मनाता हूं तो नववर्ष की शुभकामनाएं तब ही दूंगा.... फिलहाल ईश्वर से कामना है कि आप खुश रहें और अपनी बेहतरीन रचनाओं से ब्लॉक पाठकों को खुश रखें।

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

नव वर्ष की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभ कामनाएं इश्वर आपको हर्ष और ख़ुशी के साथ सभी सफलताएं प्रदान करे

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

सादर

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .

Rohit Singh ने कहा…

आपको नववर्ष की शुभकामनाएं।

केवल राम ने कहा…

कविता जी
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

कविता जी.. आपका २०१० का अनुभव अच्छा नहीं रहा .. हम कभी कभी कैसे मजबूर हो जाते है प्रभु हाथ .. अपनों से दूर ... किन्तु प्रभु से यही कामना करुँगी की ये साल आपका आपके परिवार सम्बन्धी मित्रों और अपनों के लिए खूब सारी खुशिया और अच्छा स्वस्थ ले कर आये.. नववर्ष पर मंगलकामनाये

Dimple Maheshwari ने कहा…

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!

Asha Lata Saxena ने कहा…

wish you happy new year
Asha

#vpsinghrajput ने कहा…

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें ...



अपने ब्लॉग में लगाये घडी



http://hinditechblogs.blogspot.com/2011/01/blog-post.html

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

नब वर्ष मंगलमय हो।

Satish Saxena ने कहा…

नए वर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनायें ...

विजय मधुर ने कहा…

nav barsh kee hardik shubhkaamnaayen ...

बेनामी ने कहा…

This is my first time pay a visit at here and i am really pleassant to read all at one place.


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