

कुछ ही दिनाें में पेशवा बाजीराव को अभूतपूर्व सफलता मिलने के बाद उन्हाेंने अपनी प्रतिज्ञा अनुसार पार्वती नदी पर विराजित सिध्दपुर सीहोर में सीवन नदी के तट पर सुंदर देवालय बनवाया। श्री गणेश के प्रिय रक्त चंदन के रथ में भगवान को विराजमान कर विद्ववानाें द्वारा वेद उच्चारण और ढोल ढमाकाें के साथ अपनी सेना के साथ एक भव्य शोभायात्रा लेकर चल पड़े, लेकिन पेशवा बाजीराव द्वारा गणेश प्रतिमा को अन्यत्र ले जाने पर स्थानीय गांववासियाें ने राजा को मान मनोहार कर रोकने का प्रयास किया, लेकिन पेशवा बाजीराव अपनी प्रतिज्ञा अनुसार श्री गणेश की प्रतिमा को रथ के माध्यम से अन्यत्र ले जाने पर अड़िग थे। इस मंदिर से जुड़ी किवदंतियाें में यह उल्लेखित है कि पेशवा द्वारा पार्वती नदी से निकाली गई यह शोभायात्रा नियत स्थान पर पहुंचने से पूर्व ही रूक गई, जिसके लिए पूरे प्रयास कई दिन तक चलते रहे, लेकिन सभी प्रयास असफल ही रहे और रथ के पहिये धसने लगे। रथ को निकालने के तमाम प्रयासाें के बीच जब पेशवा बाजीराव पस्त होकर थक हार गए तब उन्होंने सेना सहित वहीँ रात्रि विश्राम किया। वहीँ राजा की निंद्रा अवस्था में क्षणिक स्वप्न दिखा इस स्वप्न ने श्री गणेश ने पेशवा बाजीराव को दर्शन देते हुए बताया कि राजन तुम अब ओर प्रयास न कराें मैं मां पार्वती के भक्तों की इच्छानुसार यही विराजूंगा और यह स्थान भी सिध्द हो गया है। तब पेशवा बाजीराव ने स्वप्न के बाद श्री गणेश की आज्ञा को शिरोधार्य करते हुए इसी जगह मंदिर का निर्माण करवाया, जो वर्तमान में चिंतामन श्री गणेश मंदिर के रूप में जाना पहचाना जाता है।
यहाँ आकर श्रद्धालु अपनी मन्नत के लिए उल्टा सातिया बनाकर जाते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो मंदिर आकर सीधा सातिया बनाकर फिर अपने घर जाते हैं.... श्रोत: दैनिक भास्कर
आओ मिलकर गायें.........
गजानन कर दो बेड़ा पार, आज हम तुम्हें बुलाते हैं ।
तुम्हें मनाते हैं गजानन, तुम्हें मनाते हैं ।।
सबसे पहले तुम्हें मनावें, सभा बीच में तुम्हें बुलावें ।
गणपति आन पधारो, हम तो तुम्हें मनाते हैं ।।
आओ पार्वती के लाला, मूषक वाहन सुंड -सुन्डाला ।
जपें तुम्हारे नाम की माला ,ध्यान लगाते हैं ॥
उमापति शंकर के प्यारे, तू भक्तों के काज सँवारे ।
बड़े-बड़े पापी तारे, जो शरण में आते हैं ॥
लड्डू पेड़ा भोग लगावें ,पान सुपारी पुष्प चढ़ावें ।
हाथ जोड़ के करें वंदना ,शीश झुकाते हैं ॥
सब भक्तों ने टेर लगायी, सब ने मिलकर महिमा गाई ।
रिद्धि -सिद्धि संग ले आओ, हम भोग लगाते हैं ॥
जय गणेश देवा - आभार
जवाब देंहटाएंpublish ebook with onlinegatha, get 85% Huge royalty,send Abstract today
जवाब देंहटाएंISBN for self Publisher
बहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंजय श्री गणेश!
अति उत्तम..जय श्री गणेशाय नमः
जवाब देंहटाएंदेवा हो देवा, गणपति देवा, तुमसे बढ़कर कौन ...
जवाब देंहटाएंॐ गं गणपतये नमः
जवाब देंहटाएंश्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ॐ
जवाब देंहटाएंश्री महा गणपति प्रणव मूलमंत्र: ॐ गं ॐ
ॐ गं गणपतये नमः |
ॐ नमो भगवते गजाननाय
श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ वक्रतुन्डाय हुम
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-09-2015) को "सीहोर के सिध्द चिंतामन गणेश" (चर्चा अंक-2111) (चर्चा अंक-2109) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, आए हाए तेरी अंग्रेजी - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंजय गणेश
जवाब देंहटाएंसुना था, पर आपके सारगर्भित आलेख से विस्तृत और सार्थक जानकारी मिली
उत्क्रष्ट प्रस्तुति
सादर
बहुत ही अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी । आप तो वैसे भी बहुत अच्छा लिखती हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंजय गणपति बप्पा ... बहुत ही विस्तृत जानकारी रोचक तरीके से लिखी है आपने ... और आरती भी लाजवाब है गणपति की ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर एवं उपयोगी जानकारी...
जवाब देंहटाएंऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण जानकारी।
जवाब देंहटाएंसिद्ध चिंतामन गणेश जी पर गवेषणात्मक आलेख प्रस्तुत करने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई ।
मुझे इसके बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं थी
जवाब देंहटाएंपर आप ने बहुत ही विस्तृत जानकारी के साथ अपने आलेख प्रस्तुत किया है ....आपका बहुत आभार कविता दीदी
बढिया जानकारी के लिए आभार कविता जी
जवाब देंहटाएंकुछ नया जानने को मिला. अच्छी जानकारी.
जवाब देंहटाएं