हम भाँति-भाँति के पंछी हैं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 25 जनवरी 2016

हम भाँति-भाँति के पंछी हैं

हम भाँति-भाँति के पंछी हैं पर बाग़ तो एक हमारा है
वो बाग़ है हिन्दोस्तान हमें जो प्राणों से भी प्यारा है
हम  हम भाँति-भाँति के पंछी ………………………

बाग़ वही है बाग़ जिसमें तरह-तरह की कलियाँ हों
कहीं पे रस्ते चंपा के हों कहीं गुलाबी गलियाँ हों
कोई पहेली कहीं नहीं है, सीधा साफ़ इशारा है
हम  हम भाँति-भाँति के पंछी ………………………

बड़ी ख़ुशी से ऐसे-वैसे इकड़े तिकड़े बोलो जी
लेकिन दिल में गिरह जो बाँधी  है वो पहले खोलो जी
सुर में चाहे फर्क हो फिर भी इक  तारा इक तारा
पंजाबी या बंगाली मद्रासी या गुजराती हो
प्रीत की इक बारात है यह हम सबके साथी हो
भेद या बोली कुछ भी हो हम एक शमां  के परवाने
आपस में तकरार करें हम ऐसे तो नहीं दीवाने
मंदिर मस्जिद गिरजा अपना, अपना ही गुरुद्वारा है
हम  हम भाँति-भाँति के पंछी ……………………… 
                                                      …राजेन्द्र कृष्ण

सभी ब्लोग्गर्स एवं पाठकों को गणत्रंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

29 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अनेकता में एकता, यह हिन्द की विशेषता...

बेनामी ने कहा…

वाह वाह

vijay ने कहा…

अनेकता में एकता
सुन्दर गीत ...

Surya ने कहा…

अति सुन्दर ...
आपको भी गणत्रंत्र दिवस की शुभकामनाए.......!

Unknown ने कहा…

भारत माता की जय!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी पोस्ट का लिंक कल के चर्चा मच पर भी है।
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " ६७ वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति जी का संदेश " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर गीत ...

Himkar Shyam ने कहा…

जय हिंद। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।

शुभा ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना । गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ।

सदा ने कहा…

Aha ! Anupam shabd sanyojan.....
Jai hind......

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

तभी तो इसे भारतवर्ष कहते हैं।

Madhulika Patel ने कहा…

बहुत सुंदर रचना ।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

यही पहचान है हमारी .... :)

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

हमारे देश की यही तो विशिष्टता है ।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

उम्दा और बेहतरीन रचना.....बहुत बहुत बधाई.....

Unknown ने कहा…

सुंदर रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

इन्द्रधनुष सी हमारी पहचान पर मिल के सब एक रहें तो भारत चमकेगा ... सुंदर रचना ...

Jyoti Dehliwal ने कहा…

कविता जी, भिन्न भाषा, भिन्न पहनावा और भिन्न पहनावा ऐसी ढ़ेर सारी भिन्नताओं के बावजुद भी मेरा भारत एक है। इसे बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है आपने।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत। बहुत बढ़िया।

Jyoti khare ने कहा…

बहुत सुंदर और सारगर्भित रचना

सादर

Amrita Tanmay ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाएँ ।

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

बहुत अच्छा गीत । प्रस्तुति के लिए आभार एवं अभिनंदन कविता जी ।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

शुभकामनाएँ!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कितना अच्छा हो की सब ये बात समझें और प्राण लें देश को खुश-हाल बनाने का ...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई ...

Unknown ने कहा…

यहीं हैं भारत की सुन्दरता
सुन्दर शब्द रचना
गणत्रंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना