आमतौर पर बच्चे रात को 10:30 बजे तक सो जाया करते हैं। लेकिन कल वे 12 बजे तक खेलते रहे, नींद उनसे कोसों दूर थी। मैंने सोने को कहा तो कहने लगे नींद नहीं आ रही हैं, जब आएगी सो जायेंगे। मैंने भी सोचा दिल्ली से उनकी बुआ और भतीजा आये हुए हैं, इसलिए मस्ती कर रहे हैं। यही सोचकर मैं चुपचाप अपने कमरे में बैठकर टीवी देख रही थी कि ठीक 12 बजे सभी दूसरे कमरे से निकलकर मेरे कमरे में घुसते ही एक साथ जोर-जोर से "हैप्पी बर्थडे टु यू " चिल्लाए तो मैं अचानक चौंक पड़ी। सबने आकर मेरे आगे केक और खुद का बनाया ग्रीटिंग कार्ड रख दिया, तो माजरा समझ में आया।
मेरे ऑफिस जाने का बाद बच्चों ने इस तरह बुआ के साथ मिलकर मुझे सरप्राइज़ देने का प्लान बनाया था। यह मुझे तभी मालूम हुआ। अपने जन्मदिन पर केक और बच्चों के हाथ से बना ग्रीटिंग पाकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई। सोचती हूँ इस तरह के अपनेपन से भरे क्षण पाकर मेरी तरह ही सबको भी ख़ुशी मिलती होगी, है न ....................