लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है।
हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।।
शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है।
पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।।
दूसरे के भरे बटुए से अपनी जेब के थोड़े पैसे भले होते हैं।
समझदार पराया महल देख अपनी झोंपड़ी नहीं गिराते हैं।।
पड़ोसी की फसल अपनी फसल से बढ़िया दिखाई देती है।
बहुधा पराई चीज़ अपनी से ज्यादा आकर्षक नजर आती है।।
जूते में पड़े कंकर की चुभन को कोई दूसरा नहीं जानता है।
कांटा जिसे भी चुभा हो वही उसकी चुभन समझ सकता है।।
अपना सिक्का खोटा हो तो परखने वाले का दोष नहीं होता है।
जो दूसरों का भाग्य सराहता है अपने भाग्य को कोसता है।।
हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।।
शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है।
पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।।
दूसरे के भरे बटुए से अपनी जेब के थोड़े पैसे भले होते हैं।
समझदार पराया महल देख अपनी झोंपड़ी नहीं गिराते हैं।।
पड़ोसी की फसल अपनी फसल से बढ़िया दिखाई देती है।
बहुधा पराई चीज़ अपनी से ज्यादा आकर्षक नजर आती है।।
जूते में पड़े कंकर की चुभन को कोई दूसरा नहीं जानता है।
कांटा जिसे भी चुभा हो वही उसकी चुभन समझ सकता है।।
अपना सिक्का खोटा हो तो परखने वाले का दोष नहीं होता है।
जो दूसरों का भाग्य सराहता है अपने भाग्य को कोसता है।।
दिनांक 27/12/2016 को...
जवाब देंहटाएंआप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद... https://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
आप भी इस प्रस्तुति में....
सादर आमंत्रित हैं...
Wahhhhhh !!!sunder rachna .
जवाब देंहटाएंलोकोक्ति आधारित सुन्दर कविता है .........
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंसच्चाई पहले अपने घर की आग को बुझाना ... कोई गैर नहीं आता ...
जवाब देंहटाएंवैसे हर छंद तीखा, सोचने वाला और सत्य की अदायगी है ... बहुत खूब ... नव वर्ष मुबारक हो ...
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 28 दिसम्बर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंउम्दा अभिव्यक्ति
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअपने पराये का भेद ।
जवाब देंहटाएंवाह!!!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (30-12-2016) को "महफ़ूज़ ज़िंदगी रखना" (चर्चा अंक-2572) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हमेशा की तरह एक और बेहतरीन पोस्ट इस शानदार पोस्ट के लिए धन्यवाद। .... Thanks for sharing this!! :) :)
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना उम्दा :))
जवाब देंहटाएंउत्तम अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.नव वर्ष की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा ...कभी मेरे ब्लॉग पे भी आये तो ख़ुशी होगी https://muskuratealfaz.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द रचना
जवाब देंहटाएंनव बर्ष की शुभकामनाएं
बहुत ही सटीक बात कही है आपने ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजबाब.
जवाब देंहटाएंबलदेव नेगी.
अति उत्तम !कहावतों का बेजोड़ उपयोग
जवाब देंहटाएंvery nice and impressive lines....thanks.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लेख है
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