कुछ हुई उनकी बात
कुछ हुई मुलाकात
और वे प्यार समझ बैठे
दिल देने की भूल कर बैठे
कहते सुनते आए से जिसे
वे भी करने लगे प्यार
बस इसी प्यार की खातिर
आगे बढ़ते चले गए
रोक न पाए अपने दिल को
दिन को भी मधुर सपने देखने लगे
यादों की ताजगी में रातभर जगने लगे
दिखते न थे जो घर के बाहर कभी
वे बार-बार हर कहीं नजर आने लगे
'नींद कोई उड़ा ले गया उनकी'
'कोई उधार दो नींद' कहने लगे
पर कुछ समय बाद
जाने क्या बात
या हुई तकरार
कि वे मान बैठे हार
फिर उजाड़ दिखा प्यार तो
सपने बिखर गए
नाजुक दिल क्या चटका
कि जीना छोड़ गए
अब क्या करें बात उनकी
प्यार की अजीब होती है दास्ताँ
बातें छेड़ देते हैं अक्सर वे भी
जिनका दूर-दूर तक नहीं वास्ताँ
...कविता रावत
कुछ हुई मुलाकात
और वे प्यार समझ बैठे
दिल देने की भूल कर बैठे
कहते सुनते आए से जिसे
वे भी करने लगे प्यार
बस इसी प्यार की खातिर
आगे बढ़ते चले गए
रोक न पाए अपने दिल को
दिन को भी मधुर सपने देखने लगे
यादों की ताजगी में रातभर जगने लगे
दिखते न थे जो घर के बाहर कभी
वे बार-बार हर कहीं नजर आने लगे
'नींद कोई उड़ा ले गया उनकी'
'कोई उधार दो नींद' कहने लगे
पर कुछ समय बाद
जाने क्या बात
या हुई तकरार
कि वे मान बैठे हार
फिर उजाड़ दिखा प्यार तो
सपने बिखर गए
नाजुक दिल क्या चटका
कि जीना छोड़ गए
अब क्या करें बात उनकी
प्यार की अजीब होती है दास्ताँ
बातें छेड़ देते हैं अक्सर वे भी
जिनका दूर-दूर तक नहीं वास्ताँ
...कविता रावत