प्यार की अजीब होती है दास्ताँ - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2017

प्यार की अजीब होती है दास्ताँ

कुछ हुई उनकी बात
कुछ  हुई मुलाकात
और वे प्यार समझ बैठे
दिल देने की भूल कर  बैठे
कहते सुनते आए से जिसे
वे भी करने लगे प्यार
बस इसी प्यार की खातिर
आगे बढ़ते चले गए
रोक न पाए अपने दिल को
दिन को भी  मधुर सपने देखने लगे
यादों की ताजगी में रातभर जगने लगे
दिखते न थे जो घर के बाहर कभी
वे बार-बार हर कहीं नजर आने लगे
'नींद कोई उड़ा ले गया उनकी'
'कोई उधार दो नींद' कहने लगे
पर कुछ समय बाद
जाने क्या बात
या  हुई तकरार
कि वे मान बैठे हार
फिर उजाड़ दिखा प्यार तो
सपने बिखर गए
नाजुक दिल क्या चटका
कि जीना छोड़ गए
अब क्या करें बात उनकी
प्यार की अजीब होती है दास्ताँ
बातें छेड़ देते हैं अक्सर वे भी
जिनका दूर-दूर तक नहीं वास्ताँ
...कविता रावत 

15 टिप्‍पणियां:

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, याद दिलाने का मेरा फ़र्ज़ बनता है ... “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Sweta sinha ने कहा…

बहुत सुंदर रचना.कविता जी।

Unknown ने कहा…

Nice post Visit us for self publishing India

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर।

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर!!

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

घायल की गति तो घायल ही जाने।

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत ख़ूब

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर रचना पसंद आई
गोवर्घन पूजा की शुभ कामनाएँ

'एकलव्य' ने कहा…

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" सशक्त महिला रचनाकार विशेषांक के लिए चुनी गई है एवं सोमवार २७ नवंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

रेणु ने कहा…

प्यार की अजान दास्ताँ बड़ी ही ह्रदय स्पर्शी है आदरणीय कविता जी | सादर सस्नेह नमन और शुभकामना --

रेणु ने कहा…

प्यार की अजब दास्ताँ बड़ी ही ह्रदय स्पर्शी है आदरणीय कविता जी | सादर सस्नेह नमन और शुभकामना --

Pammi singh'tripti' ने कहा…

बहुत सुंदर रचना..

Sudha Devrani ने कहा…

लाजवाब प्रस्तुति...
वाह!!!!