अबकी बार होली में कोरोना ने है पकड़ा
चुराकर सब रंग मेरे अपने रंग में है जकड़ा
गले में ठूसी जा रही हैं रंग बिरंगी गोलियां
मुंह बांधे उड़ी रंगत में आ जा रही टोलियां
तन पर नर्सें कर रही इंजेक्शनी फुहार
हॉस्पिटल में हर तरफ है कोरोना बहार
जो मिले खाना ठूसे तो पेट होता भारी
फिर मत पूछो कब कहां चले पिचकारी
मन बड़ा उदास होता जब शाम ढलती है
अकेले में अपनों की दूरी बहुत खलती है
8 टिप्पणियां:
बहुत ही कष्टकारी समय ! पर यही आशा और विश्वास है कि कुछ भी चिरस्थाई नहीं रहता !
बहुत सुन्दर और उपयोगी प्रस्तुति।
रंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
अरे , ... ये कब हुआ ?
जल्दी स्वस्थ हों ... खूब ध्यान रखें .
आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप शीघ्र अति शीघ्र स्वस्थ हो जाये
उम्मीद हे अब सब बेहतर है। कुछ नया सा लिखा है इस डराने ऊबाने वाले कोरोना पर आपने।
isvaar aap ki raksha karen.
उम्मीद है कि अब आपका स्वास्थ्य बेहतर हो गया होगा.. नवरात्रि व् भारतीय नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
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