इस बारे में बताती चलूँ कि यह पुस्तक मेरी 10 कहानियों का प्रथम संग्रह है। जहाँ मेरे द्वारा कुछ कहानियों में शहरी और ग्रामीण अंचलों में व्याप्त व्यथा-कथा का चित्रण तो कुछ में ऐतिहासिक और आधुनिक सामाजिक पृष्ठभूमि का ताना-बाना बुनते हुए चमत्कारिक भाषा-शैली के स्थान पर सीधे-सरल शब्दों के माध्यम से उन्हें जनसाधारण तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है। इस कहानी संग्रह में गरीबी में डॉक्टरी मेरी मुख्य कहानी है। लेकिन इसे यदि कहानी के स्थान पर 'संघर्ष गाथा' कहेंगे तो अधिक उचित होगा। क्योंकि इसमें एक ऐसे कंगाली में जीते बच्चे की संघर्ष गाथा है, जिसने अपने बचपन से देखते आये 'डॉक्टर बनने के सपने' को अपनी घोर विपन्नता, अधकचरी शिक्षा, रूढ़िवादी सोच, सामाजिक विडंबनाओं और तमाम सांसारिक बुराइयों को ताक में रखकर शासन-प्रशासन तंत्र के व्यूह रचना को भेद कर अपने कठोर परिश्रम, निरंतर अभ्यास, सहनशील प्रवृत्ति और सर्वथा विकट परिस्थितियों में अदम्य साहस व दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर साकार कर दिखाया। मेरी नज़र में वह 'दशरथ मांझी के बाद एक और मांझी है-धर्मेंद्र मांझी।
कथा-लेखन के सम्बन्ध में मेरा मानना है कि किसी भी कहानी की पृष्ठभूमि जितनी धरातल से जुड़ी होकर सरल शब्दों में अभिव्यक्त होंगी, वह उतनी ही गहराई तक पाठकों के दिलों में उतरकर अपना एक अलग स्थान बनाने में सफल रहेगी। इसी सोच पर रचाई-बसाई मेरी इस कहानी संग्रह की कहानियाँ पाठकों का ध्यान अपनी ओर कितना आकृष्ट कर पाती हैं, यह देखने के लिए मैं उत्साहित हूँ।मेरा यह गरीबी में डॉक्टरी कहानी संग्रह हिंदी पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वाले पाठकों, लेखकों और हमारे ब्लॉगर्स साथियों के लिए शब्द.इन के प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन और पेपरबैग दोनों रूप में उपलब्ध है, जिसे कोई भी शब्द.इन प्लेटफॉर्म के निम्न लिंक पर जाकर दोनों रूप में खरीद सकते हैं। प्राप्त धनराशि का उपयोग मैं अपने स्वयं के लिए नहीं बल्कि धर्मेंद्र मांझी की आगे की पीजी की पढ़ाई करने एवं अन्य उसके जैसे किसी भी जरूरतमन्द के लिए उपयोग करूँगी, ऐसा मेरा संकल्प है। तो क्या आप मेरी इस किताब को खरीदकर और धर्मेंद्र मांझी की व्यथा-कथा पढ़कर उस पर गहन विचार-मंथन कर मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान देना चाहेंगे?
https://shabd.in/books/10078983