होंठों पर तैरती मुस्कान' का प्रकाशन - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 1 अगस्त 2022

होंठों पर तैरती मुस्कान' का प्रकाशन


''गरीबी में डॉक्टरी' के प्रकाशन उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहानी 'होंठों पर तैरती मुस्कान'  में आप सरकारी कार्यालयीन व्यवस्था की कुछ रोचक झलकियाँ देखने के बाद जहाँ आपके चहेरे पर एक मुस्कान तैरने लगेगी वहीँ दूसरी ओर आपके मन में कई विचार उमड़-घुमड़ उठेंगे। दूसरी कहानी 'अंधेरी राहों का चिराग' में एक ग्रामीण स्त्री के संघर्षमय जीवन की मार्मिक व्यथा-कथा को अनुभव कर मर्माहत हुए बिना नहीं रह सकेंगे। तीसरी कहानी 'घुटन' आपका ध्यान आकृषित कर बाल मन के मनोविज्ञान के दर्शन कराते हुए आपको उस स्थान पर छोड़ेगी, जहाँ आप विचारों के भंवर में फंसकर इस बेदर्द दुनिया की बेरूखी पर अपने कसैले हुए मन को सांत्वना देने की निष्फल कोशिश करते मिलेंगे। चौथी कथा 'हेमला जाट का भूत' मेरे द्वारा मुंशी अजमेरी ’प्रेम’ जी की काव्‍य शैली में रचित 'हेमलासत्‍ता' का रूपान्‍तरण है, जहाँ आप देखेंगे कि कैसे एक व्यक्ति ग्रामीण जनमानस में व्याप्त भूत-प्रेत के भय का लाभ उठाकर भूत का प्रपंच रचकर उन्हें डराता है, धमकाता है, जिसके कारण कई लोग एक के बाद एक उसके डर से मर जाते हैं, जिन्हें एक ठाकुर अपनी बहादुरी और चतुराई से कैसे छुटकारा दिलाता है, यह देखने को मिलेगा। पाँचवी कहानी 'अपनी-अपनी खुशी ' में मैंने 3 बाल श्रमिकों की अदृश्य पीड़ा को प्रस्तुत कर हम शहरी होते लोगों की ऑंखें खोलने का एक प्रयास किया है। छठवीं कहानी 'ढपली और झुनझुने का गणित' में आप देखेंगे कि कैसे दो युवा भिखारियों के गीतों और गायकी से प्रभावित होकर एक नेता उन्हें अपने चुनाव प्रचार के लिए रखता है और फिर वे कैसे पार्टी प्रवक्ता बनकर ढपली और झुनझुने का गणित अपने जैसे अन्य दूसरों को समझाने का काम करने लग जाते हैं। सातवीं कहानी 'माँ की सीख' में आप देखेंगे की कैसे एक माँ हर हाल में रहकर अपने घर-परिवार के लिए ताउम्र संघर्ष कर प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करती है। अंत में आठवीं कहानी 'श्रापित राजकुमार' में आप पायेंगे कि कैसे एक बुढ़िया और लड़की एक श्रापग्रस्त राजकुमार को उसके श्राप से मुक्त कराने में सहायक बनते हैं और उसके साथ ही अपने दुःखों से भी मुक्ति पाते हैं।

नोट- मेरा यह कहानी संग्रह पाठकों के लिए शब्‍द.इन के प्‍लेटफार्म पर ऑनलाइन और पेपरबैग दोनों रूप में उपलब्‍ध है, जिसे निम्‍न लिंक के माध्‍यम से खरीद सकते हैं। 

Link  'होंठों पर तैरती मुस्कान' 

https://hindi.shabd.in/books/5144

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13 टिप्‍पणियां:

मन की वीणा ने कहा…

पुस्तक की सभी कहानियों पर आपकी संक्षेप भूमिका पुस्तक की रोचकता का खुलासा कर रही है और नियंत्रित भी।
हृदय से ढेर सारी शुभकामनाएं।

Meena Bhardwaj ने कहा…

संक्षेप में पुस्तक की कहानियों का रोचक परिचय । आपकी पुस्तक लोकप्रियता के आयाम स्थापित करें । हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।

जिज्ञासा सिंह ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जिज्ञासा सिंह ने कहा…

पुस्तक परिचय पुस्तक के प्रति जिज्ञासा जगा गई ।आपकी पूरक साहित्य के क्षेत्र में उज्ज्वल मुकाम हासिल करे ।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं💐💐

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

कहानियों पर आपकी संक्षेप प्रतिक्रिया उस कहानी को पढ़ने के प्रति लालसा को और जगाती है बहुत ही सुंदर कहानियों का संग्रह आपके द्वारा प्रस्तुत पुस्तक में है हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

आपकी प्रतिभा से तो अब वे सभी सुपरिचित हैं जो पठन-पाठन में रुचि लेते हैं। इस नवीन उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

Amrita Tanmay ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाएँ नव सोपान के लिए। आपको पाठकों का अतिरिक्त स्नेह मिलता रहे।

आतिश ने कहा…

आदरणीय, आभार ।
आपके संग्रह के माध्यम से कहानियों कि चयन प्रक्रिया सरल हो गई है।

बहुत सुन्दर एवं सार्थक !

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत ही रोचक समीक्षा पुस्तक पढने को लालायित करने में सक्षम ...
बहुत बहुत शुभकामनाएं इस नव सौपान की सफलता हेतु ।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

किताब की कहानियों का संशेप पढ़कर ही अंदेशा हो गया कि कहानियां कितनी अच्छी होगी। पाठकों को आपकी किताब बहुत पसंद आए यही शुभकामनाएं।

Madhulika Patel ने कहा…

बहुत ही रोचक समीक्षा,बस आ बता दीजिए की किताबें कब और कहाँ से ले सकते है,अंनत शुभकामनाएँ ।

डॉ 0 विभा नायक ने कहा…

bahut badhai kamini ji.

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही रोचक समीक्षा