राह ताकती लाड़ली बहना अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 24 अगस्त 2023

राह ताकती लाड़ली बहना अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया


राह ताकती लाड़ली बहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना
ना चाहूं धन-दौलत, ना कोई गहना
आके कुछ दिन गांव तू रहना
बनाना अब ना कोई बहाना
राह ताकती लाड़ली बहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना

गाँव खेत खलियान बुलाए
कभी खेले कूदे अब क्यों भुलाए
बारहखड़ी का स्कूल देख के जाना
यादें बचपन की साथ तू लाना
संगी साथी सुध सबकी ले के जाना
राह ताकती लाड़ली बहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना


गाँव छोड़ शहर तू बसा है
बिन तेरे घर सूना पड़ा है
बूढ़ी दादी और माँ का है सपना
नाती-पोतों को जी भरके देखना
लाना संग हसरत पूरी करना
राह ताकती लाड़ली बहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना

खेती-पाती अब ना कोई करता
दिहाडी मजदूरी कर घर चलता
सूने घर खेत बंजर आसूं बहाते
कब सुध लोगे सब हैं बुलाते
हाल आखों से देख के जाना
राह ताकती लाड़ली बबहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना

बड़े-बूढे सब याद करते रहते
कब तू आयेगा पूछते रहते
नाते रिश्ते तू भूल गया है
जाके दूर परदेश बसा है
आना खबर सार लेते जाना
राह ताकती लाड़ली बहना
अबकी राखी में गांव मेरे आना भैया
गांव मेरे आना

@Kavita Rawat

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