एक कप चाय के साथ जिंदगी भर की भावनाएं
सर्वप्रथम अपने अहम को दिल से उबालिए
जैसे उड़े भाप उसी तरह चिंता को उड़ाइए
अपने सारे दु:खों को घुल जाने दीजिए
फिर अच्छी तरह से गलतियों की छान लीजिए
हो सके तो कुल्हड़ के गिलास में चाय पीजिए
हो सके तो कुल्हड़ के गिलास में चाय पीजिए
इसी बहाने देश की मिट्टी को चूम लीजिए
न जाने कौन सा पल जिंदगी का किस्सा बन जाय
कौन कब कहां इस जिंदगी का हिस्सा बन जाय
इस चाय के साथ आपसी प्यार बांट लीजिए
आज की शुभ प्रभात सभी घर आंगन पहुंचा दीजिए
न जाने कौन सा पल जिंदगी का किस्सा बन जाय
कौन कब कहां इस जिंदगी का हिस्सा बन जाय
इस चाय के साथ आपसी प्यार बांट लीजिए
आज की शुभ प्रभात सभी घर आंगन पहुंचा दीजिए
आज बदलता कैलेंडर घर में टंगे दीवार का
न बदलता मौसम न होता बदलाव तीज त्यौहार का
...G.S.Kandari