शिंगणापुर के शनिदेव - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 6 जून 2013

शिंगणापुर के शनिदेव

कई वर्ष बाद इस वर्ष 8 जून को शनिवार के दिन शनि जयंती का संयोग बना है। इसी दिन शिंगणापुर की यात्रा के वे पल याद आ रहे हैं जब हम पहली बार सांई बाबा के दर्शन कर सीधे शनिदेव के दर्शन के लिए शिंगणापुर पहुंचे। यह सौभाग्य ही है कि यह मेरा जन्मदिन भी है। ऐसी मान्यता है कि जो पहली बार सांई बाबा के दर्शन करने जाता है उसे शनिदेव के भी दर्शन हेतु शिंगणापुर जरूर जाना चाहिए तभी बाबा की कृपा होती है और यात्रा का उद्देश्य पूर्ण होता है। शिर्डीधाम से लगभग 70 कि.मी. दूरी तय करने के बाद शनि शिंगणापुर पहुँचकर मुझे ज्ञात हुआ कि सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र शनिदेव का जन्मस्थान यही है। बहुत से लोग शनिदेव को अनिष्टकारी देव मानकर उनकी पूजा अर्जना कम उनसे बचने के उपाय ज्यादा ढूंढ़ने-फिरने के फिराक में खुद ही उलझकर रह जाते हैं, जबकि बहुत से ज्योतिषियों का मत है कि शनिदेव स्वभाव से गंभीर, हठी, क्रोधी किन्तु न्यायप्रिय देव तथा हनुमान और कालभैरव के प्रिय सखा हैं। विधि विधान से उनकी आराधना करने पर वे अन्य देवताओं के मुकाबले बड़ी जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल देने में सबसे आगे रहते हैं। यही कारण है कि दूर-दूर बसे देश-विदेश के लोग उनके दर्शन करने यहाँ दौड़े चले आते हैं। यहाँ पहुंचकर मेरे मन को भी बहुत आत्मीय संतोष मिला। यहाँ दुकानों में पहले से ही टोकरियों में शनिदेव की पूजा का सामान सजा रहता है जिसे खरीदने पर दुकानदार खुद ही पूजा विधि समझा देता है। यहाँ आकर मुझे एक और सबसे अच्छी बात यह लगी कि जहाँ पहले इस मंदिर में केवल पुरुषों को ही निर्धारित वस्त्र पहनकर दर्शन करने की अनुमति दी जाती थी वहीं अब ऐसा कुछ भी नहीं है। अब पुरुषों की तरह ही उनके साथ-साथ स्त्री भी बेरोक-टोक इस मंदिर में पूजा-दर्शन करती हैं। खुले चबूतरे पर शनिदेव की काले पत्थर की लगभग साढ़े पांच फीट ऊँची और डेढ़ फीट चौड़ी मूर्ति स्थापित है जिस पर पुजारी लगातार पहले तेल और बाद में पानी से नहलाने में लगा रहता है, जो कि मनोहारी दृश्य होता है। हमें भी पूजा विधान के अनुसार पहले त्रिशूल पर मदार के पत्ते चढ़ाने फिर नारियल, फूल और अंत में तेल चढ़ाकर शनिदेव की पूजा-दर्शन कर बड़ी आत्मसंतुष्टि मिली।
दुनिया भर में प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर की वह विशेषता जिसमें यहाँ के घरों में दरवाजे नहीं होने का जिक्र मिलता है, जिसे प्रत्यक्ष देखकर सुखद अहसास हुआ। यहाँ के लोगों की मान्यता है कि यहाँ कोई कुछ भी चुरा नहीं सकता है क्योंकि अगर किसी ने यह हिमाकत की तो तुरन्त शनिदेव उस पर कुपित होकर दंडित कर देते हैं। इसी दृढ़ विश्वास के चलते यहाँ पुराने बने सभी घरों में मुझे कोई दरवाजे नजर नहीं आए।  हालांकि अब जो नए मकान-दुकान बन रहे थे उनमें अधिकांश में दरवाजे लगाये जा रहे थे। शहर की चकाचैंध से दूर बसा शनि शिंगणापुर निश्चित ही दूर-दूर से आने-जाने वाले भक्तजनों/दर्शकों के लिए एक सुन्दर मनभावन स्थान है, जहाँ पहुँचकर निश्चित रूप से सुकून महसूस किया जा सकता है।
शिंगणापुर से वापस शिर्डी आते समय मुझे इक्के-दुक्के खेतों में गन्ने की फसल के अलावा दूर-दूर तक कुछ भी हरा-भरा नजर नहीं आ रहा था। हाँ अगर कुछ दिखाई दे रहा था तो वह सड़क किनारे लगभग हर 2 कि.मी. दूरी पर गन्ने की रेहडि़यां दिखाई दे रही थी, जिन पर लकड़ी से बने कोल्हू पर जुता बैल धीरे-धीरे घूमता नजर आ रहा था जिससे कोल्हू से गन्ने का रस बाहर निकल रहा था जिसे  गर्मी से हाल-बेहाल आने-जाने वाले लोग गले में उतार कर राहत महसूस कर रहे थे। इस तरह कोल्हू से गन्ने का रस निकलते देख मुझे अपने गांव का वह सरसों पेरने के लिए बनी लकड़ी के कोल्हू याद आने लगा, जिसको बैल नहीं बल्कि आदमी चलाये करते थे। जब उत्सुकतावश हम बच्चे भी कभी-कभार खेलते-कूदते मस्ती में दो-दो की जोड़ी बनाकर उसे ढेलकर घुमाने में जुत जाते थे तब हमें बड़ा मज़ा आता था। इसके साथ ही जिस व्यक्ति का वह कोल्हू होता था, उसे भी एक तरह से मदद मिल जाया करती थी जिसके कारण वह भी हमारे साथ-साथ खुश हो लेता था। अब तो गाँव में यह सब जाने कब से एक भूली-बिसरी दास्तां बनकर रह गई है।
   .....कविता रावत

46 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

.एक सार्थक सन्देश देती प्रस्तुति . .आभार . मुलायम मन की पीड़ा साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Nice and informative.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

यकीनन ,शिर्डी में बाबा के दर्शन के बाद उसे शनिदेव के भी दर्शन हेतु शिंगणापुर जरूर जाना चाहिए तभी बाबा की कृपा होती है

शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,

RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बहुत अच्छा लगा पढ़ कर ...

vijay ने कहा…

शनिदेव के बारे में बहुत अच्छी रोचक जानकारी ..
आपको शनि जयंती और आपके जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनायें

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बढ़िया वृतांत.....
जन्मदिन की शुभकामनाएं एडवांस में...पार्टी का वेन्यु कहाँ है :-)

सस्नेह
अनु

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

आपकी यात्रा बढ़िया थी। सहज जीवन के लिए प्रेरित करता अच्‍छा वृत्‍तांत।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर और जानकारीभरा वृत्तान्त।

RAJ ने कहा…

एक और सबसे अच्छी बात यह लगी कि जहाँ पहले इस मंदिर में केवल पुरुषों को ही निर्धारित वस्त्र पहनकर दर्शन करने की अनुमति दी जाती थी वहीं अब ऐसा कुछ भी नहीं है। अब पुरुषों की तरह ही उनके साथ-साथ स्त्री भी बेरोक-टोक इस मंदिर में पूजा-दर्शन करती हैं

यह तो बहुत अच्छी खबर है मैं भी बहुत पहले शनिदेव के दर्शन करने शिंगणापुर गया तब वहां हमने तो वहां के दिए कपडे ही पहने थे...पूजा की भी जटिल प्रक्रिया करनी पड़ी ...........खैर बाद में हमें भी बहुत अच्छा लगा और आज तो आपके माध्यम से पढ़कर और भी अच्छा लग रहा है .....शनि जयंती और आपके जन्मदिन के सुयोग की पहले से ही बधाई स्वीकार हो ...

Unknown ने कहा…

शनिदेव के बारे में बहुत अच्छी रोचक जानकारी,जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनाएं कविता जी।

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

जानकारी भरा संस्मरण ।

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

अनुपम, अद़भुद, अतुलनीय, अद्वितीय, निपुण, दक्ष, बढ़िया रचना
हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें
टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें
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अरुणा ने कहा…

सुन्दर सहज वर्णन
जन्म दिन के लिए अग्रिम शुभकामनायें कविता जी

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर सहज प्रभावी वर्णन ..जन्मदिन की शुभकामनाएं एडवांस में.

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बढिया, ओम शनिश्चराय नम:
बढिया

देवदत्त प्रसून ने कहा…

बहुत अच्छी जान कारी दी है आप ने|
!आज मेरे साथ भयानक दुर्घटना हुये सातवाँ दिन है | मेरा दाहिना हाथ कलाई पर हल्का सा टूट जाने से उँगलियों ने काम नहीं किया पूरे दायें अंग में जहाँ तहां चोटें आयीं सिर से पर तक |कल चिकित्सक के परामर्श से केवल बाएं हाथ की उन्गालिउयों से जो कुछ सम्भव हो सेवा करूँगा|कल पक्का प्लास्टर चढेगा अभी तक कच्चे से काम चला | देखो कल से क्या हो!! वैसे मेरे ब्लॉग 'प्रसून' में कुछ रचानें भी डालने का प्रयास रहेगा यदि डॉक्टर की राय होगी और उंगलियाँ काम कर सकेंगी |

आनन्द विक्रम त्रिपाठी ने कहा…

बहुत ही सुंदर यात्रा वर्णन ,जन्मदिन की अग्रिम हार्दिक बधाई और शुभकामना

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सुन्दर यात्रा वृत्तांत !!

संध्या शर्मा ने कहा…

रोचक जानकारी ... आपको जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनायें...

Pallavi saxena ने कहा…

वाह बहुत ही भाग्यशाली है आप जो आपको शनि देव के उस भव्य मंदिर स्थान के दर्शन प्राप्त हुये। इच्छा तो मेरी भी बहुत है देखिये कब बुलावा आता है :)सुंदर एवं जानकारी पूर्ण यात्रा वृतांत कभी समय मिले आपको तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है।

Sushil Bakliwal ने कहा…

शनिवार को अमावस याने शनि अमावस इस बार चार वर्षों बाद आ रही है । हमें मामा-भानजे के जोडे से दर्शन करने की विशेष मान्यता के प्रतीक इस मन्दिर के दर्शन करने का सुअवसर लगभग 10 वर्षों से भी पहले ही मिला था और तब महिलाएँ चबूतरे के नीचे से ही दर्शन कर पाती थीं । घरों के दरवाजे तब बिल्कुल ही नदारद होते थे क्योंकि किसी भी किस्म की चोरी की सजा यहाँ अंधे होकर चुकाने की मान्यता बडी दृढता से सुनने में आती थी । शनि भगवान का मन्दिर और इनकी महिमा तो सर्वविदित है ही ।
आपको जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनाएँ...

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

कुछ सालो पहले हम भी गए थे... बेहतरीन जगह व मंदिर :)

sourabh sharma ने कहा…

शिंगणापुर की यात्रा का सुख मैंने भी लिया है। आपकी पोस्ट पढ़कर एक बार फिर याद ताजा हो गई।

PS ने कहा…

आपके सौजन्य से शिरडी और शिंगणापुर की एक सुखद यात्रा का सुखद अहसास हमें भी प्राप्त हुआ
आपको शनि जयंती और आपके जन्मदिन की अनंत शुभकामनायें व बधाई !!!!!!!

Meenakshi ने कहा…

रोचक जानकारी
शनि जयंती व जन्मदिन के दुर्लभ संयोग पर आपको बहुत बधाई .......
ॐ शं शनैश्चरै :नम :

Surya ने कहा…

शनि शिंगणापुर की बहुत बढ़िया जानकारी के लिए आभार
हमने भी आज सुबह-सुबह नहा-धोकर सबसे पहले ॐ शं शनैश्चरै: नम: बोलते हुए शनिदेव के दर्शन कर लिए .....डर लगता है की कहीं नाराज न जायं पर ब्लॉग पढ़ा तो मन से सारी आशंका उड़न छु हो गयी
जन्मदिन की हार्दिक बधाई ...
शनि जयंती की शुभकामना............

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
कविता रावत जी आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रोचक जानकारी...जय शनि देव...

रचना दीक्षित ने कहा…

रोचक और विस्तृत जानकारी शनि तीर्थ के बारे में.

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुर सुन्दर यात्रा वर्णन !
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Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

rochak warnan ..mai bhi ja chuki hoon .....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

शनि देव और शिरडी की यात्रा का आनद ले लिया होगा अपने अब तक ...
मज़ा आया आपका वृतांत पढ़ के ... जनम दिन की हार्दिक बधाई ...

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

आदरणीया कविता जी मन आनंदित हो उठा शनि देव शिर्डी के साईं बाबा के दर्शन आप के द्वारा हम भी कर ही लिए
आप को जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामनाएं प्रभु सब मंगल करें
भ्रमर 5

Satish Saxena ने कहा…

पहली बार सुना और जाना !!
आभार !

संजय भास्‍कर ने कहा…

शनिदेव के बारे में बहुत अच्छी रोचक जानकारी
......... अग्रिम शुभकामनायें

Jyoti khare ने कहा…

शनि यदि प्रसन्न हो जायें तो क्या कहने
सार्थक आलेख
सुंदर यात्रा वृतांत
जय शनि देव की
बेहतरीन प्रस्तुति
सादर

आग्रह है- पापा ---------

Nisheeth Ranjan ने कहा…

Thanks a lot Kavita Madam..Main bhi kayi mahino se shani dev ke darshan ka abhilashi hun lekin sanyog nai ban pa raha hai...Margdarshan ke liye dhanyawad.

pratibha ने कहा…

शिंगणापुर के शनिदेव के बारे में रोचक जानकारी..
.......

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

shani dev ke baare me atyadhik jaankaari prapt kar bshut hi sukhad ahsaas hua.
dhanyvaad sahit
poonam

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

shani dev ke baare me atyadhik jaankaari prapt kar bshut hi sukhad ahsaas hua.
dhanyvaad sahit
poonam

राजेन्द्र अवस्थी ने कहा…

वाह...आपका यात्रा वृतांत पढ़ कर तथा सिगनापुर की विशेषता के बारेे में जान कर मैं अपनी उत्सुकता को रोक नही पा रहा हूँ...और भगवान शनिदेव के दर्शन करने का निश्चय कर लिया है....आपका बहुत आभार।

Asha Joglekar ने कहा…

एक बार तो हम भी हो आये शिंगणापुर ।

Yogi Saraswat ने कहा…

बहुत बढ़िया विवरण ! जाना चाहता हूँ शनि सिंगापूर हालाँकि अभी कोई विचार नहीं बन रहा लेकिन जब भी मौका मिलेगा , आपकी पोस्ट मदद करेगी !!

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत सुंदर, सरल और रोचक जानकारी।

Aman Shrivastav ने कहा…


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Aman Shrivastav ने कहा…

बहुत अच्छा है पोस्ट Internet Day - Internet Ki Jankari Hindi Me