हम भोपाली - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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बुधवार, 14 मई 2014

हम भोपाली


हम कहलाते हैं भोपाली
मिनीबस की है कुछ बात निराली
हम कुछ भी बकें इधर-उधर
हर बात हमारी है निराली
         हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।

हम ड्रायवर सबको ढ़ोते-फिरते
चाहे चपरासी हो या अफसर
पर जब आते टेंशन में भैया
तब दिखता न घर न दफ्तर
पान-गुटका-बीड़ी साथ हमारे
जुबां पर रहती हरदम गाली
         हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।

खाऊ किस्म के जीव नहीं हम
चाय कट पूरे गुटके से काम चलाते
रीढ़ की हड्डी हम सरकार की भैया
हम तो सबके प्यारे बाबू कहलाते
कुछ आये न आये हमको
पर आती है प्यार भरी गाली
        हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।

सरकार का बोझ उठाते हम
सरक-सरक कर चलते रहते
हम सरकारी अफसर कहलाते
अगर कोई काम बिगाड़ दे भैया
तो करते ठीक देकर दो-चार गाली
         हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।

..कविता रावत

29 टिप्‍पणियां:

RAJ ने कहा…

बहुत से एंगल से यथार्थ का खाका खींच दिया आपने अपने आप को सूरमा भोपाली समझने वालों का ...........क्या कहिये इन नाम ख़राब करते भोपालियों का?

Neeraj Neer ने कहा…

हा हा हा ... बहुत अच्छा चित्रण कविता के माध्यम से. मैं एक बार भोपाल गया था.. मुझे तो नया भोपाल बड़ा ही अच्छा लगा था ..

vijay ने कहा…

बहुत से भोपाली गाली देते नहीं दिल से फेंकते हैं ....
भोपाल की शान पर बट्टा लगाने वाले ना समझे है ना समझेगें .............

Ritesh Gupta ने कहा…

सुरमा भोपाली .हा हा हा ...... बहुत ही सुन्दर रचना....अच्छा लगा पढ़कर

सफ़र है सुहाना..
http://ritesh.onetourist.in/2014/05/mehtab-bagh-7.html

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया लेखन की बढ़िया अनुभूति , आ. कविता जी धन्यवाद !
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आशीष अवस्थी ने कहा…

हमारे ब्लॉग का लोगो अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए , आ. बहुत-बहुत धन्यवाद !

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना.....

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

कविता से भोपाल की झांकी मिल गयी. एक बार आकर देखना होगा.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बढ़िया है .... सुन्दर चित्रण किया है .

Meenakshi ने कहा…

हम कहलाते हैं भोपाली
मिनीबस की है कुछ बात निराली
हम कुछ भी बकें इधर-उधर
हर बात हमारी है निराली
हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।
.......................
बस में हर रोज दो चार होना पड़ता है
मेरा भोपाल महान

Surya ने कहा…

सूरमा भोपाली आये हाये ,...आये हाये.........
भालो ......भालो

Himkar Shyam ने कहा…

हास्य, व्यंग्य का पुट लिए सुन्दर रचना...बधाई

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

आदरणीया कविता जी व्यंग्य का पुट और यथार्थ हमारे चालक महोदय का दिखती अच्छी रचना ..विचारणीय
भ्रमर ५

Ankur Jain ने कहा…

चूंकि मैं भी भोपाली हूँ तो आपकी इन पंक्तियों को बहुत अच्छे से महसूस कर सकता हूँ..दूसरा आपकी इस पोस्ट से खुद को इसलिये भी जुड़ा महसूस कर पा रहा हूँ क्योंकि पीपुल्स समाचार और पीपुल्स ग्रुप से मैं तीन वर्षों तक जुड़ा रहा हूं..इसलिये ये प्रस्तुति मुझे काफी अपनी सी लगी।।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

इसको कविता कहूँ कि शब्दचित्र... एकदम तस्वीर सामने लाकर रख दी आपने!! बहुत मज़ेदार!!

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

कई बार भोपाल गई हूँ ...... संयोग कहूँ या दुर्भाग्य ऐसों मुलाक़ात नहीं हुई .....
आपने अच्छा लिखा है ......

कौशल लाल ने कहा…

भोपाल की मज़ेदार झांकी.......

SKT ने कहा…

कविता का मज़ा इस बात में है कि इसमें भोपाली की जगह इंदौरी, मेरठी, देहलवी, पटियालवी, रोहतकी आदि करने से कविता के भाव पर कुछ फर्क नहीं पड़ेगा!

PS ने कहा…

हम भोपाली हैं कमाल के
गाली भी दे तो शान से
हर बात हमारी है निराली
हम कहलाते हैं भोपाली।

Vaanbhatt ने कहा…

सूरमा भोपाली का इलाका वाकई निराला है...

Asha Joglekar ने कहा…

वाह भोपाली सूरमा हो गये आप तो।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

हास्य व्यंग के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया आपने ... शब्दों के माध्यम से खाका खींच दिया भोपाली का ... वाह गज़ब ...

alka mishra ने कहा…

achchha wyagy hai, तबीयत खुश हो गयी

bhagat ने कहा…

यह हम भोपालियों की पहचान है

कुछ आये न आये हमको
पर आती है प्यार भरी गाली
हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।
waah!

Vandana Sharma ने कहा…

Amazing!!!

Arogya Bharti ने कहा…

हम कहलाते हैं भोपाली
हर बात हमारी है निराली
सूरमा भोपाली

virendra sharma ने कहा…

बधाई शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का।

बढ़िया व्यंग्य चित्र।

एक और भी हैं भैया बाज़ीगर भोपाली ,

राजनीति के दुर्मुख कहते -

दिग पराजय सिंह ई भाईसाहब !सशक्त लेखनी को प्रणाम।

संजय भास्‍कर ने कहा…

हर बात हमारी है निराली
हमसे बढ़ती शान
हम कहलाते हैं भोपाली।

........... व्यंग के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया आपने !

बेनामी ने कहा…

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