नमक का स्वाद से जितना गहरा रिश्ता है, उतना ही बीमारियों से भी है। भोजन में इसकी अधिक मात्रा तमाम बीमारियों के लिए न्यौता देना है। एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशन एंड डाइटेटिक्स और यूएस डिपार्टमेमेंट ऑफ एग्रीकल्चर 1500 से 2300 मिलीग्राम सोडियम प्रतिदिन लेने की सलाह देते हैं। बाहरी या सामान्य नमक पर निर्भरता कम करने के लिए प्राकृतिक नमक बेहतर विकल्प हो सकता है। करीब 25 तरह के प्राकृतिक नमक होते हैं। उदाहरणार्थ- कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरीन, चूना, गंधक आदि। यह नमक सब्जियों में प्राकृतिक रूप से होते हैं। सामान्य या बाहरी नमक में 40 फीसदी सोडियम और 60 फीसदी क्लोराइड होता है। विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि मानव शरीर को सोडियम की जितनी मात्रा जरूरी होती है, उसकी लगभग दोगुनी मात्रा में लिया जा रहा है।
डायबिटीज में कितना जरूरी
जापान के जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म ने अपने एक सर्वे में 40 से 70 साल के उन लोगों को शामिल किया, जिन्हें आठ साल से डायबिटीज है। करीब 1588 लोगों पर हुए इस सर्वे में पाया गया कि उन लोगों में हृदय रोगों की आशंका दोगुनी है, जो एक दिन में औसतन 5900 मि.ग्रा. सोडियम लेते हैं। डायबिटीज के मरीज को 1500 मि.ग्रा. से अधिक सोडियम नहीं लेना चाहिए।
अधिक नमक
जिन सब्जियों में 140 मिलीग्राम से अधिक सोडियम होता है, उनमें पालक शामिल है। पालक पकने के बाद एक कप (करीब 128 ग्राम) में करीब 184 मिलीग्राम सोडियम होता है।
कम नमक
इस तरह की सब्जियों में वे शामिल हैं, जिनमें 35-140 मिलीग्राम के बीच सोडियम होता है। इनमें आलू, मूली, अजवाइन, गाजर, ब्रोकली व अन्य फलीदार सब्जियां शामिल होती हैं।
बहुत कम नमक
इस तरह की सब्जियों में लगभग 35 मिलीग्राम से कम सोडियम होता है। इसमें मशरूम, बंदगोभी, फूलगोभी, हरी प्याज, टमाटर और सलाद में अवयव शामिल होते हैं।
न के बराबर नमक
इनमें बहुत कम लगभग पांच मिलीग्राम सोडियम होता है। इनमें शतावरी, ग्रीन सेम, आलू, मक्का आदि शामिल हैं।
कितना नमक उचित
ज्यादातर स्वास्थ्य संगठन एक वयस्क व्यक्ति को 1500 से 2300 मिलीग्राम सोडियम प्रतिदिन लेने की सलाह देते हैं। 1500 मिलीग्राम सोडियम पाने के लिए 3.75 ग्राम या 75 फीसदी भरी छोटी चम्मच नमक लेना उचित रहेगा। इसी तरह 2300 मिलीग्राम सोडियम पाने के लिए 6 ग्राम नमक की जरूरत होती है।
0-12 माह के लिए 1 ग्राम से कम (400 मिलीग्राम सोडियम),
1-3 साल के लिए 2 ग्राम (800 मि.ग्रा.सोडियम),
4-6 साल के लिए 3 ग्राम (1200 मि.ग्रा. सोडियम),
7-10 साल के लिए 5 ग्राम (2000 मि.ग्रा. सोडियम) एवं
11 से ऊपर के लिए 3.75 -6 ग्राम (1500-2400 मि.ग्रा. सोडियम) की मात्रा उचित है।
1-3 साल के लिए 2 ग्राम (800 मि.ग्रा.सोडियम),
4-6 साल के लिए 3 ग्राम (1200 मि.ग्रा. सोडियम),
7-10 साल के लिए 5 ग्राम (2000 मि.ग्रा. सोडियम) एवं
11 से ऊपर के लिए 3.75 -6 ग्राम (1500-2400 मि.ग्रा. सोडियम) की मात्रा उचित है।
किस पर कैसा असर
किडनी : मानव शरीर किडनी के जरिए रक्त को साफ कर अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के रूप में बाहर निकाल देता है। इस प्रक्रिया के लिए सोडियम और पोटेशियम का संतुलन जरूरी होता है। अधिक नमक से रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही किडनी की जल के निकास की क्षमता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फेल होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
हृदयः अधिक सोडियम के सेवन से धमनियां निष्क्रिय हो जाती हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा धमनियां भी हृदय में रक्त संचार बंद कर देती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हृदय को, जो कि शरीर में रक्त संचार करता है, पर्याप्त ऑक्सीजन और न्यूट्रीएन्ट्स भी नहीं मिलते। इससे हार्ट अटैक व अन्य हृदय संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। नमक की मात्रा को कम कर इससे बचा जा सकता है।
मस्तिष्कः लम्बे समय तक अधिक सोडियम खाने से डेमेज हुई धमनियां मस्तिष्क पर भी असर डालती हैं। मस्तिष्क में रक्त की कमी हो जाती है। इस कारण कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं। साथ ही मस्तिष्क को ऑक्सीजन और न्यूट्रीएन्ट्स मिलना बंद हो जाते हैं। सोडियम की अधिक मात्रा धमनियों पर धीरे-धीरे असर डालती हैं। अंततः डिमेंशिया जैसे रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
- 10.5 हजार वर्ग कि.मी. में फैला ‘सालर डे टूनुपा’ (बोलिविया) दुनिया का सबसे बड़ा नमक का मैदान है। इसे करीब तीस हजार साल पुराना माना जाता है।
- 01 कप (करीब 128 ग्राम) चुंकदर में 106 मिलीग्राम सोडियम होता है। यह प्राकृतिक सोडियम के अच्छे स्रोतों में से एक है।
आरोग्य सम्पदा से संकलित
9 टिप्पणियां:
बढ़िया लेख. हमारा खाना पीना स्वादानुसार ज्यादा होता है और शरिरानुसार कम.
नमक स्वादानुसार ही लेना चाहिए ,
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
स्वास्थ्य पर बहुत ही ज्ञानर्वधक लेख है । दीदी आप के लेख हमे बहुत पसंद है ।
अरे वाह कविता दीदी बहुत ही बढ़िया लेख है ।
नमक का स्वाद से रिश्ता ..सही खा है आपने
अच्छी जानकारी, उपयोगी लेख.
बहुत ही उपयोगी जानकारी है, कम से कम मुझे तो इससे लाभ हो ही गया hai। इस जानकारी को सुलभ करने के लिए धन्यवाद।
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (08-10-2016) के चर्चा मंच "जय जय हे जगदम्बे" (चर्चा अंक-2489) पर भी होगी!
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत हो उपयोगी और जानकारी भरा आलेख है ... इसके साथ ही अगर तुलनात्मक भी बताएं कभी की मिल का नमक, समुन्दर का नमक , सेंधा नमक या पहाड़ी नमक में सोडियम की कितनी मात्र होती है ...
शानदार पोस्ट …. sundar prastuti … Thanks for sharing this!! �� ��
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